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चिड़ावा। रामकृष्ण-जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान की ओर से विश्व जल दिवस पर निकाली जा रही अमृत जलम कलश यात्रा का समापन बुधवार डालमिया खेलकूद परिसर में हुआ। जहां जल संरक्षण को लेकर विचार संगोष्ठी रखी गई। जिसमें पं.प्रभुशरण तिवाड़ी ने कहा कि जल है तो ही कल है। जल संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास किया जाना चाहिए। वहीं बीडीओ रणसिंह चौधरी, पर्यावरण प्रेमी बीरबलसिंह चौहान, परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने बतौर अतिथि शिरकत की। वक्ताओं गिरते जल स्तर पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढिय़ों के लिए पानी बचाना होगा।

जिसके लिए साझा प्रयास जरूरी हैं। डॉ.महेंद्र नेहरा ने जल का सदुपयोग करने की बात कही। परियोजना प्रबंधक पालीवाल ने संस्थान के जल-पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी। जल समन्वयक संजय शर्मा में कलश यात्रा के उदेश्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि गिडानिया से शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा 55 गांवों से होकर गुजरी। जहां ग्रामीणों को जल संरक्षण का संदेश दिया गया। इससे पहले यात्रा के अंतिम दिन अक्षय प्रतिष्ठान से डालमिया खेलकूद परिसर तक कलश यात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में ग्राम मालपुरा के शेरसिंह सोमरा को जल संरक्षण के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर शुभेंद्र भट्ट, कुलदीप कुल्हार, बलवान सिंह, सूरजभान, राकेश महला, महेंद्र गौरा, अजय बलौदा, रवीन भैड़ा, नरेश आलडिय़ा, अनिल शर्मा, अनिल सैनी, सुनील नारायण, सत्यवीर सिंह आदि मौजूद थे।
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