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राजस्थान में विधानसभा चुनावों के करीब आने के साथ ही बीजेपी चुनावी मोड में आ गई है जहां पिछले 15 दिनों में पार्टी के भीतर जबरदस्त हलचल है. पिछले दिनों नया अध्यक्ष मैदान में उतारा गया जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष और उपनेता के नाम पर मुहर लगी लेकिन इन सब बदलावों के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर बना हुआ सस्पेंस अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. पार्टी में जहां एक तरफ नियुक्तियों का सिलसिला तेज हो गया है लेकिन राजे की भूमिका अभी तक साफ नहीं हो पाई है इसके बाद राजे की 2023 के विधानसभा चुनावों में भूमिका को लेकर चर्चा तेज है. मालूम हो कि राजे प्रदेश की कद्दावर नेता है और उनको साधे बिना बीजेपी चुनावों में नहीं उतरना चाहती है. वहीं दूसरी ओर कई केंद्रीय मंत्रियों के नामों की भी चर्चा जोरों पर है. वहीं इस बीच बताया जा रहा है कि पार्टी राजे को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनाकर अहम जिम्मेदारी दे सकती है. हालांकि चुनाव संचालन समिति के लिए अन्य कई नाम जैसे गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल भी चल रहे हैं. वहीं इन सब की कलह के बीच पीएम मोदी के नजदीकी ओम प्रकाश माथुर को भी राजस्थान में किसी जिम्मेदारी के साथ उतारा जा सकता है.
चुनाव संचालन समिति करेगी टिकट फाइनल
जैसा कि हम जानते हैं कि राजस्थान में अब विधानसभा चुनावों में महज 8 महीने से भी कम का समय बचा है ऐसे में बीजेपी ने संगठन को नया रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है. संगठन के बाद अब चुनाव संचालन समिति को लेकर हर किसी की उत्सु्क्ता है जो चुनावों में काफी अहम भूमिका निभाती है.बता दें कि बीजेपी चुनाव संचालन समिति विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देने के साथ ही चुनाव अभियानों का भी संचालन करती है. वहीं राज्यों के चुनाव और टिकट वितरण में कमेटी के सदस्य अहम भूमिका निभाते हैं.मालूम हो कि चुनावों से पहले इस समिति के पास कई अधिकार होते हैं और चुनाव के संचालन के साथ ही टिकटों को लेकर भी अहम फैसले लिए जाते हैं. वहीं अगर हम 2018 के चुनावों की बात करें तो पिछली बार चुनाव संचालन समिति के संयोजक गजेंद्र सिंह शेखावत और सह संयोजक सतीश पूनिया को बनाया गया था. इसके अलावा पिछली बार चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर को बनाकर आलाकमान ने भेजा था.
केंद्रीय मंत्री को मिल सकता है बड़ा टास्क !
इसके अलावा राजस्थान में बीजेपी बीते दिनों से सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले को अपनाते हुए आगे बढ़ रही है जहां अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष और उप नेता तक जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा गया है. ऐसे में चुनाव संचालन समिति को लेकर चर्चा यह भी है कि राजस्थान से आने वाले किसी केंद्रीय मंत्री को भी यह जिम्मेदारी मिल सकती है जिसमें अर्जुन राम मेघवाल का नाम भी चल रहा है. मेघवाल एससी समुदाय से आते हैं और पीएम मोदी के भी करीबी हैं.इसके अलावा दूसरे बड़े दावेदार के रूप में गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी चल रहा है जो वर्तमान में केंद्र में जल संसाधन मंत्री हैं और पीएम मोदी के वफादार बताए जाते हैं. हालांकि शेखावत के गले की फांस इन दिनों करोड़ों रुपए का संजीवनी घोटाला बना हुआ है जहां सीएम अशोक गहलोत शेखावत पर हमलावर हैं और उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकी हुई है.