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उदयपुर: पिछले साल कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड के बाद चर्चा में आया राजस्थान का उदयपुर जिला एक बार फिर सुर्खियों है जहां जिला प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने एक आदेश जारी कर कहा है कि अगले 2 महीने तक कोई भी सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म से संबंधित झंडे प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं लगाए जा सकते हैं. वहीं सरकारी भवन, इमारत या पार्क झंडे लगाए दिखे तो कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है.इधर गुरुवार को हनुमान जयंती के मौके पर जिले में धार्मिक स्थलों पर पुलिस का जाब्ता बढ़ाया गया है. बता दें कि जिला कलेक्टर ने यह आदेश बुधवार की देर रात जारी किया था. आदेश जारी होने के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरते हुए तुष्टिकरण के आरोप लगाए हैं. इसके अलावा जिला कलेक्टर के इस आदेश को बीते 23 मार्च को गांधी मैदान पर हुई बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सभा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. मालूम हो कि सभा में कुंभलगढ़ पर एक विशेष धर्म के झंडे लगाने के दिए बयान के बाद पुलिस ने कुंभलगढ़ पर भगवा झंडा लेकर पहुंचे 5 लोगों को गिरफ्तार किया था.
कलेक्टर ने क्या आदेश जारी किया है?
दरअसल उदयपुर एसपी विकास कुमार शर्मा ने कलेक्टर ताराचंद मीणा को एक पत्र लिख कर जानकारी दी थी कि जिले में धार्मिक आयोजनों को देखते हुए धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त झंडिया लगाकर कानून-व्यवस्था पर प्रभाव डाला जा सकता है जिसके बाद दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उदयपुर जिले के सम्पूर्ण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक सम्पत्तियों जिनमें राजकीय भवन, सार्वजनिक सामुदायिक भवन, विश्राम गृह, सार्वजनिक पार्क, खम्भे (पोल) इत्यादि पर बिना अनुमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह वाली झंडिया लगाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. वहीं कलेक्टर ने सभी नागरिकों को इस आदेश का पालन करने और अवेहलना नहीं करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा आदेश के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति इन प्रतिबन्धात्मक आदेशों का उल्लंघन करता है तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी.
आदेश के बाद बीजेपी हुई हमलावर
वहीं उदयपुर जिला कलेक्टर के इस आदेश के बाद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की प्रतिक्रिया सामने आई है. जोशी ने कहा कि गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेवाड़ महाराणा प्रताप की धरती है जहां पर भगवा झंडे लगाने पर रोक लगा दी गई है, क्यों भगवा झंडे में क्या गलत है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे.इसके अलावा बीजेपी सांसद दिया कुमारी ने आदेश पर कहा कि धर्म ध्वजा के विरुद्ध उदयपुर प्रशासन का यह आदेश राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति का ताजा उदाहरण है, यह क़ानून व्यवस्था के नाम पर आमजन की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के हनन का प्रयास है.