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गुजरात में 30 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में आयकर विभाग के एक पूर्व सहायक आयुक्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक आयुक्त ने साल 2022 में गुजरात के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) से बचने में अपने अधिकारी की मदद की. आरोप है कि सबूत मिटाने के लिए मोबाइल को नदी में फेंक दिया गया था.इस मामले में सीबीआई ने सोनार टेक्नोलॉजी से सबूत बरामद किया, जिसमें दो मोबाइल भी शामिल थे. इन्ही मोबाइल फोन को इनकम टैक्स विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त विवेक जौहरी ने साबरमती नदी में फेंक दिया था.
नदी से मोबाइल फोन बरामद
सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक गोताखोरों और सोनार टेक्नोलॉजी की मदद से मोबाइल को बरामद करने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें सफलता मिल गई. उन्होंने बताया कि विवेक जौहरी को 12 अक्टूबर 2022 को 30 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में अरेस्ट किया गया था.
एडिशनल कमिश्नर करनानी की भागने में मदद
जौहरी पर आरोप है कि आईटी के तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर ने चार अक्टूबर, 2022 को गुजरात एसीबी की कार्रवाई के दौरान हंगामा किया और एडिशनल कमिश्नर संतोष करनानी को ऑफिस से भागने में मदद की. इसके अलावा करनानी ने एसीबी से बचने से पहले जौहरी को दो मोबाइल फोन दिये थे. वहीं जौहरी ने करनानी के कहने पर उन दोनों को साबरमती नदी में फेंक दिया था.