REPORT TIMES
सीएम अशोक गहलोत ने दूसरे के कन्धे पर बंदूक चलाने के अपने चिर-परिचित अंदाज में एक बार फिर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर बड़ा जुबानी हमला बोला. सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान रोडवेज के नए अत्याधुनिक बस टर्मिनल के लोकार्पण और उद्घाटन समारोह के दौरान संबोधन में कहा कि 26 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स को रीट परीक्षा के दौरान रुकवाया गया. खाने और लाने ले जाने के लिए रोडवेज बसों और साधनों की व्यवस्था करवाई गई. इसके बाद पेपर आउट हो गया, तो जो हमने अच्छा काम किया वो तो पीछे हो गया. पेपर आउट-पेपर आउट का हल्ला मच गया.सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, पेपर आउट 15 तो गुजरात और 22 यूपी में हो गए होंगे, कहां नहीं हुए. लेकिन हमारे यहां कानून हमने बनाया है. जेलों में हम लोगों को भेज रहे हैं. 200 लोगों को हमने जेल भेजा है. कहां किसी राज्य में इस तरह जेलों में भेजा गया है.अब पेपर आउट की बात विपक्ष के लोग करते हैं और कहते हैं कि मुआवजा दो. 26 लाख लोग परीक्षा में बैठे हैं और उनको मुआवजा दे दो की मांग की जा रही है. ऐसी-ऐसी मांगें की जाती हैं कि पेपर आउट हो गया इसलिए इनको मुआवजा मिलना चाहिए.
26 लाख स्टूडेंस को मुआवजा दे सकते हैं क्या?
परीक्षा रद्द होने पर 26 लाख स्टूडेंस को मुआवजे की मांग बुद्धि का दीवालियापन है.मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इसको क्या कहेंगे, बुद्धि का दीवालियापन नहीं कहेंगे क्या ? उन्होंने आगे कहा कि दुनियां के इतिहास में किसी ने मांग की है क्या कि पेपर आउट हो गया, बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, एक्जाम नहीं दे पाए हैं उनको मुआवजा दे दो. दे सकते हैं क्या ?
हम भी विपक्ष में रहे हैं..
गहलोत ने कहा कि,अभी आप विपक्ष में हो, हम भी विपक्ष में रहे हैं. डोटासरा जी भी हमारे अध्यक्ष हैं, रामेश्वर डूडी भी हमारे नेता प्रतिपक्ष रहे. हम अपने इश्यू बनाते थे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने काम किया. हमने कोई कमी नहीं रखी. महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी वापस शुरू की. अम्बेडकर यूनिवर्सिटी का भी महीने-दो महीने में काम पूरा हो जाएगा.
गहलोत ने अपनी सरकार की गिनाईं उपब्धियां
गहलोत ने कहा 2021-22 में 2 करोड़ 62 लाख अभ्यर्थियों को रोडवेज में निशुल्क यात्रा करवाई गई. सभी कैंडिडेट्स का भुगतान सरकार ने किया. रोडवेज कर्मचारियों,अधिकारियों के लिए हमने ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की. जयपुर में रोडवेज के कई नए बस स्टैंड बन रहे हैं. पिछली बीजेपी सरकार ने योजनाओं को बंद करने की राजनीति की. रोडवेज का यह बस टर्मीनल 50 करोड़ रुपए लागत से बनना था. जो 18 करोड़ में हुआ है क्योंकि काम रुक गया था. बीजेपी सरकार ने रिफाइनरी भी रोकने का काम किया.