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राजस्थान में पिछले महीने निकाली 13,184 सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के बाद सरकार ने उसे दोबारा शुरू नहीं करवाया। वाल्मिकी समाज के विरोध के कारण सरकार ने पिछले महीने 26 अप्रैल को इस भर्ती प्रक्रिया को रोकते हुए इसकी विज्ञप्ति को निरस्त कर दिया था। एक महीने निकलने के बाद भी दोबारा विज्ञप्ति नहीं जारी करने पर वाल्मिकी समाज में रोष बढ़ता जा रहा है। स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से अप्रैल को विज्ञप्ति जारी करते हुए प्रदेश की 190 से ज्यादा नगरीय निकायों में 13,184 सफाई कर्मचारियों के पदों पर भर्ती निकाली थी। लेकिन तब वाल्मिकी समाज ने इस भर्ती में समाज को प्राथमिकता देने और आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। समाज के लोगों का कहना था कि इसमें केवल वाल्मिकी समाज के लोगों को ही प्राथमिकता देनी चाहिए और वाल्मिकी समाज से कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिलता तब जाकर दूसरे समाज के लोगों को इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।
15 मई से से ऑनलाइन भरे जाने थे आवेदन
इन पदों पर भर्ती के लिए 15 मई से 16 जून तक ऑनलाइन आवेदन भरे जाने थे, लेकिन विरोध को देखते हुए सरकार ने इससे पहले ही ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा थी। तब इस प्रक्रिया में आने वाले आवेदनों की स्क्रूटनी करके इनके लिए इंटरव्यू करवाया जाना था। इसके लिए हर निकाय स्तर पर कमेटी बननी थी, जो आवेदकों के इंटरव्यू लेती। इससे पहले जब साल 2018 में भर्ती हुई थी तब लॉटरी के जरिए की गई थी। आवेदन की जांच के बाद योग्य आवेदनों की लॉटरी निकाली गई, जिसमें सफल आवेदकों को जोइनिंग दी गई थी।
कल सरकार को देंगे पत्र
संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक समाज की ओर से कल स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक के जरिए सरकार को आखिरी बार पत्र दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार की ओर से विज्ञप्ति जारी नहीं की जाती तो समाज के लोग फिर से आंदोलन करेंगे। इससे पहले भी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के दौरान वाल्मिकी समाज ने विरोध करते हुए शहर में सफाई के काम का बहिष्कार कर दिया था।