Report Times
latestOtherकरियरकार्रवाईक्राइमटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदिल्लीराजनीतिस्पेशल

पीड़िता के बयान वापस लेने से पलटी ‘बाजी’, क्या अब धारा-181 बन जाएगी खतरनाक?

REPORT TIMES 

Advertisement

नई दिल्लीः महिला पहलवान और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के दबंग सांसद, बृजभूषण शरण सिंह के बीच सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चली आ रही धींगामुश्ती खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जब जिसका जैसे दांव लगता है वही सामने वाले को चित करने में जुटा है. फिलहाल जबसे 2 मुकदमों में से एक में चार्जशीट और दूसरे मुकदमे में कैंसिलेशन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हुई है, तब से तो समझिए यह कानूनी धींगामुश्ती और भी ज्यादा उठापटक वाली हो चुकी है. मुलजिम और पीड़ित दोनों ही पक्ष कानूनी रूप से खुद को मजबूत बताकर, एक-दूसरे को कमजोर साबित करके उसे हलकान करने पर उतारू हैं. आइए, ऐसे में जानते हैं कि क्या जिस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में, दिल्ली पुलिस ने ‘कैंसिलेशन रिपोर्ट’ दाखिल की है. क्या उसमें अब आइंदा चलने वाली कानूनी प्रक्रिया में कहीं आईपीसी की धारा-181 का भी इस्तेमाल हो सकता है! जो इस कदर की खतरनाक कानूनी धारा मानी जाती है कि, पीड़ित को भी मुलजिम बनाने की कुव्वत रखती है. पहले तो यह समझ लीजिए कि आखिर आईपीसी की धारा-181 में है क्या?

Advertisement

क्या है IPC की धारा-181

Advertisement

भारतीय दंड संहिता की धारा-181 के अनुसार, जो कोई शपथ दिलाने या प्रतिज्ञान देने के लिए कानून द्वारा अधिकृत लोक सेवक या किसी अन्य शख्स से, किसी विषय पर सही बात कहने के लिए शपथ-पत्र या प्रतिज्ञान द्वारा वैध रूप से बंधते हुए, ऐसे लोक सेवक या यथापूर्वोक्त अन्य व्यक्ति से उस विषय के संबंध में को ऐसा कथन लिखित में करेगा, जो बाद में बयान देने वाले के ही बयान से पलट जाने के चलते झूठा साबित हो जाए, तो ऐसे शख्स के खिलाफ, कोर्ट चाहे तो आईपीसी की इसी धारा-181 के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच का निर्देश संबंधित जांच एजेंसी को दे सकती है.उस जांच में अगर पूर्व में दिए गए बयान से पीड़ित या शिकायतकर्ता (जिसने किसी के खिलाफ पहले मुकदमा दर्ज करवाया हो), पलट जाता है. और यह बात सही साबित हो जाती है. तो कोर्ट धारा 181 के तहत, बीते कल तक शिकायतकर्ता रहे पीड़ित या पीड़ितों को ही ‘मुलजिम’ और फिर ‘मुजरिम’ करार दे सकती है. धारा-181 के तहत (झूठा बयान या सबूत देकर पहले किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आरोपी) मुजरिम करार दिए जाने वाले को 3 साल की जेल की सजा देने का प्रावधान है. इसे कोर्ट चाहे तो बढ़ा भी सकता है. और सजा के साथ कोर्ट अर्थ दंड भी लगा सकता है.

Advertisement

Advertisement

क्या पीड़िता बन जाएगी मुलजिम?

Advertisement

धारा-181 के तहत दर्ज मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ही सुनता है. यह एक गैर-संज्ञेय और जमानती अपराध जरूर है. इसमें मगर सजा होने पर तीन साल जेल भेजे जाने का भी प्रावधान कानून में किया गया है. इसीलिए यह धारा-181, जब भी किसी के खिलाफ इस्तेमाल होती है, तो इसके इस्तेमाल से इसी बात की आशंका प्रबल रहती है कि, बीते कल में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराके जो इंसान या जो लोग, पीड़ित या शिकायतकर्ता थे. वे ही इसी आईपीसी की धारा-181 के तहत मुलजिम और फिर मुजरिम तक बन सकते हैं. इसमें मुख्य रूप से वे बयान आते हैं जो किसी मजिस्ट्रेट के सामने लिखित रूप से पीड़ित या पीड़िता द्वारा दर्ज कराए जाते हैं.

Advertisement

मसलन, मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज धारा-164 के बयान. जो बाद में झूठे साबित हो जाएं. या फिर जिन्हें खुद पीड़ित/शिकायतकर्ता ही झूठा-असत्य बताता हुआ कोर्ट में उसके द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को वापिस ले ले. या फिर यह बयान कोर्ट में दाखिल पुलिस या किसी भी एजेंसी की जांच में झूठे साबित करके, पहले से दर्ज मुकदमा रद्द करने की ‘कैंसिलेशन रिपोर्ट’ कोर्ट में दाखिल कर दी जाए. तब भी कोर्ट स्व-विवेक से धारा-181 का इस्तेमाल कर सकती है. या फिर जो मुलजिम पक्ष है वही, कोर्ट में उस पक्ष के खिलाफ धारा-181 में मुकदमा दर्ज कराने की गुजारिश के साथ पहुंच सकता है, जो पहले दर्ज मुकदमे में मुलजिम बनाया जा चुका हो. अब समझिए कि आखिर महिला पहलवान और भारतीय कुश्ती संघ के बीच चल रही कानूनी-खींचतान में, आईपीसी की इसी और इतनी घातक धारा-181 का जिक्र टीवी9 यहां क्यों कर रहा है? दरअसल, जबसे दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में महिला पहलवान के बयान पर दर्ज मुकदमे में, कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है. तभी से यह चर्चा जोरों पर है कि, अगर इस कैंसिलेशन रिपोर्ट को कोर्ट ने मंजूर कर लिया. तो कानूनन यह साबित हो चुका होगा कि, पीड़िता ने झूठा बयान देकर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ, झूठा या फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया था.

Advertisement

धारा-181 का होगा इस्तेमाल

Advertisement

ऐसे में क्या बृजभूषण शरण सिंह पक्ष कोर्ट में इसी धारा-181 के तहत, पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की के खिलाफ कानूनी एक्शन की मांग करेगा?  सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर और इस मुकदमे में बृज भूषण पक्ष के कोर्ट में पैरोकार वकील डॉ. एपी सिंह ने कहा, “अभी हम एक मुकदमे में दर्ज चार्जशीट और दूसरे मुकदमें में (पॉक्सो एक्ट वाले मुकदमे में) दिल्ली पुलिस द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल कैंसिलेशन रिपोर्ट हासिल करके, उसका अध्ययन करना चाहते हैं. अगर कैंसिलेशन रिपोर्ट कोर्ट मंजूर कर लेती है तो हमारे लिए आईपीसी की धारा-181 का कानूनी रास्ता कोर्ट में जाने का रास्ता खुला है. मगर यह सब कुछ हमारे मुवक्किल की मर्जी पर निर्भर करेगा कि, मामला आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं.

Advertisement

वैसे, अगर वे चाहेंगे कि उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाली फर्जी पीड़िता के खिलाफ धारा-181 का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए, और कोर्ट पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट को मंजूर कर लेती है तो उसके बाद हम धारा-181 के कानूनी हक का इस्तेमाल करने पर भी विचार कर सकते हैं. मगर इस पर अभी कुछ तय नहीं किया है.”

Advertisement

यहां यह बताना जरूरी है कि पॉक्सो एक्ट में 28 अप्रैल 2023 की रात, नई दिल्ली जिले के कनाट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अलावा उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 ए व 354 डी तथा अन्य संबंधित-सहयोगी कानूनी धाराओं में एक और भी मुकदमा उसी रात कनाट प्लेस थाने में ही दर्ज हुआ था. जिसमें से पॉक्सो एक्ट वाले मुकदमे में बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में ‘कैंसिलेशन रिपोर्ट’ और दूसरे मुकदमे में राऊज एवन्यू कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. जिस मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की गई है वो, 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज हुआ था. जबकि पॉक्सो एक्ट का मुकदमा तब (घटना के वक्त) खुद को नाबालिग बताने वाली पीड़िता, जो बाद में बालिग निकली, के बयान पर पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुआ था.

Advertisement
Advertisement

Related posts

मिनी मैराथन का आयोजन :तालुका विधिक सेवा समिति चिड़ावा के तत्वावधान में निकली मैराथन

Report Times

IND vs SA: टीम इंडिया के लिए बुरी खबर, स्टार खिलाड़ी नहीं जाएगा साउथ अफ्रीका

Report Times

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ के जन्मदिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मनाया, रक्तदान किया

Report Times

Leave a Comment