REPORT TIMES
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा है कि भारत का आगे जाना असुरी शक्तियों को अच्छा नहीं लग रहा है क्योंकि इनका प्रयास भारत को तोड़ने का है. उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि अपने स्वार्थ को साधने के लिए समाज को तोड़ने की कोशिश देश के बाहर से हो रही है, कलयुग में मिलजुल कर रहना सबसे श्रेष्ठ शक्ति है.नागपुर में भगवान जगन्नाथ पुरी के दर्शन और आरती के बाद संघ प्रमुख ने कहा कि हम लोग भारत के भाग्य का रथ खींच रहे हैं. भारत के सब लोग आगे जा रहे हैं, लेकिन असुरी शक्तियों को यह सब अच्छा नहीं लग रहा है तो वो तरह-तरह के विषय निकालकर आपस में झगड़ा लगाते हैं. इसके लिए तरह-तहर के हथकंडे अपनाते हैं.उन्होंने कहा, भारत के लोग जब तक मिलजुल कर रहेंगे दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है कि भारत को परास्त कर सके, इसलिए उनका प्रयास तोड़ने का रहता है. लोगों को बताया जाता है कि आप अलग हो, आपको यह नहीं मिल रहा, वह नहीं मिल रहा, ऐसा सब कुछ करके अपने स्वार्थ को साधने के लिए समाज को तोड़ने की कोशिश है जो कि देश के बाहर से हो रही है. अन्य देश भारत का उत्थान नहीं चाहते हैं.
‘हमें सावधान रहकर आगे बढ़ना है’
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारी अज्ञानता और स्वार्थ भेद के कारण दुर्भाग्य से उनको कुछ लोग अंदर भी मिल जाते हैं. इनसे सावधान रहकर हमकों आगे बढ़ना है. भगवान जगन्नाथ का स्मरण मन में रखना, मिलजुल कर चलने का जो प्रचलन है उसे स्वयं में रखना और उसको प्रचलित करने से देश भी आगे जाएगा और दुनिया को भी सुखी बनाएंगे.
‘कोई खामियां है तो उसका मिल बैठकर हल निकालें’
गौरतलब है कि संघ प्रमुख ने इस महीने की शुरुआत में भी देश के भीतर लोगों को एकजुट रहने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि हम बॉर्डर पर दुश्मनों के खिलाफ अपनी ताकत दिखाने की जगह आपस में भी लड़ रहे हैं. भारत की अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए. इसके बाद अगर कोई खामियां हैं तो उस पर एक साथ मिलकर कर काम करना चाहिए. उन्होंने जाति व्यवसथा का जिक्र करते हुए कहा था कि हमें यह मानना पड़ेगा कि देश में इसे लेकर काफी कुछ हुआ है. हमें अपने पूर्वजों पर गर्व है लेकिन उनकी ओर से की गई कुछ गलतियों को भी दूर करना होगा. कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी भारत ने शानदार काम किया.