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बीकानेर में 20 जून को एक दलित कोचिंग स्टूडेंट से गैंगरेप और हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को पुलिस ने सीकर से पकड़ा है।अब बीकानेर पुलिस उसे लेने के लिए सीकर रवाना हो गई है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात तक पुलिस उसे लेकर बीकानेर पहुंचेगी। इससे पहले आरोपी दिनेश विश्नोई पर पुलिस से मिलीभगत के आरोप भी लगे थे। पुलिसवालों से उसकी दोस्ती थी और उसे बचाया जा रहा है। दरअसल,खाजूवाला कस्बे में 20 जून मंगलवार दोपहर एक युवती का शव मिला था। युवती के पिता ने इस संबंध में खाजूवाला थाने के कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ के साथ दिनेश विश्नोई पर रेप व हत्या का मामला दर्ज करवाया था। पिता ने बताया था कि युवती हर रोज सुबह कोचिंग जाती थी। मंगलवार को भी वो घर से कोचिंग के लिए निकली थी, लेकिन रास्ते में ही उसके साथ यह घटना हुई। इसके बाद परिजनों की ओर से थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं इस मामले में दोनों पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया था।
झुंझुनूं के नवलगढ़ से रडार पर था, बस में बैठते ही किया गिरफ्तार
बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि दिनेश नोखा में छिपा हुआ था। नोखा के बाद वो नवलगढ़ चला गया। बीकानेर पुलिस लगातार उस पर नजर रखे हुए थी। शुक्रवार को मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी कि आरोप दिनेश नवलगढ़ से रोडवेज की बस में सवार होकर सीकर के लिए निकल गया है। इस पर ये इनपुट सीकर पुलिस से शेयर किया गया। सीकर के पास ही पुलिस ने रोडवेज बस को रोककर दोपहर करीब डेढ़ बजे दिनेश को दबोच लिया।
कई दिनों से नोखा में छिपा था, भनक लगते ही जगह बदली
दरअसल, पुलिस छानबीन में ये साफ हो गया था कि वो नोखा में छिपा हुआ है। उसका फोन बीकानेर के गंगाशहर में बंद हो गया था। इसके बाद वो नोखा चला गया। एक बार नोखा में भी उसका फोन ऑन हुआ। इसके बाद फोन बंद ही रहा। इसीलिए पुलिस की पकड़ में नहीं आया। दिनेश बिश्नोई को भी भनक लग गई थी कि पुलिस नोखा आ सकती है। ऐसे में वो वहां से नवलगढ़ चला गया। और, यहां से लोकेशन बदलते ही पुलिस को भनक लग गई और सीकर में वह पकड़ा गया।
ये था पूरा मामला, पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित युवती को किराए के मकान पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप करने और बाद में उसकी हत्या करने का मामला 20 जून को दर्ज हुआ था। इस घटनाक्रम में पुलिस के दो सिपाहियों पर गंभीर आरोप लगे। इसमें मनोज को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है जबकि दूसरा भागीरथ सस्पेंड है। दोनों पुलिसकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा दिनेश बिश्नोई मुख्य अभियुक्त है जो घटना के बाद से ही फरार हो गया था। दिनेश के पिता ओम प्रकाश को उसे भगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पीड़ित महिला को अस्पताल तक पहुंचाने वाले कार चालक राकेश को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में जस्सा नाई नामक युवक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसने मकान पर किराया पर लिया था और जहां गैंगरेप हुआ था।
युवती को छोड़कर भाग गए थे
जब युवती को एक मकान पर ले जाया गया, तब वो एक दम स्वस्थ बताई गई। वापस लौटते समय उसके शरीर से खून बह रहा था। उसे खाजूवाला के सीएचसी पहुंचाया गया। तब भी खून निकल रहा था। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोटों के निशान होने का आरोप है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। महिला को लेकर ये लोग अस्पताल पहुंचे और वहां डॉक्टर व नर्सिंगकर्मियों के संभालते ही दिनेश बिश्नोई सहित अन्य फरार हो गए। इधर, मुख्य आरोपी दिनेश को गिरफ्तार करने के बाद ही शव उठाने की मांग पर अड़े परिजनों ने खाजूवाला में हंगामा किया था।
पुलिस का लाड़ला रहा दिनेश
दिनेश बिश्नोई खाजूवाला पुलिस का लाडला रहा। इसी कारण वो थाने में काफी वक्त गुजारता था। यहां तक कि तत्कालीन थानेदार अरविन्द सिंह के ट्रांसफर की पार्टी में भी वो साथ में था। पुलिस की गाड़ियों में उसने कई बार सेल्फी खींची और सोशल मीडिया पर पोस्ट की। बताया जा रहा है कि दिनेश विश्नोई के साथ खाजूवाला थाने के कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ रहते थे। ऐसे में वो हर किसी पर धौंस जमाता था।