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राजस्थान में गहलोत सरकार के वक्त पूरानी पेंशन योजना लागू की गई थी. हालांकि, प्रदेश में सरकार बदलने के बाद यानी भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही कहा जा रहा है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू नहीं करेगी. पुरानी पेंशन योजना को लेकर पहले ही केंद्र सरकार और बीजेपी के आलाकमान ने साफ कर दिया है कि OPS लागू नहीं किया जा सकता. जबकि राजस्थान को लेकर कहा गया था कि इस पर समिति का गठन किया जाएगा, तब इसके बारे में सोचा जाएगा. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया था कि OPS लागू करना मुमकिन नहीं है. वहीं, राजस्थान में OPS लागू होने के बाद अब राज्य के कर्मचारी अधर में हैं कि उनके साथ क्या होगा. राजस्थान विधानसभा सत्र में इसी बात को लकेर नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया है. राजस्थान में OPS लागू नहीं होगा यह इस बात से साफ हो रहा है कि हाल ही में कृषि विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि नवनियुक्त सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारियों को नई पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाएगी.
सरकार सदन में चर्चा किये बिना ले रही फैसला
राजस्थान विधानसभा सत्र चल रहा है. वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में भजन लाल सरकार से यह बात स्पष्ट करने को कहा है कि, राज्य सरकार कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बरकरार रखेगी या नई पेंशन योजना (NPS) लागू करेगी. वहीं, शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने कहा, ‘बड़े दुख की बात है कि सदन की कार्यवाही जारी है और इस प्रकार के निर्णय ये सरकार बिना सदन में रखे हुए ले रही है. यह सरासर इस सदन का अपमान है. यह सदन के माननीय सदस्यों के विशेषाधिकारों का हनन है. इस प्रकार से कोई भी नई योजना आप लागू नहीं कर सकते.’
लोकसभा चुनाव के बाद NPS लागू होगी
टीकाराम जूली कहा कि राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ओपीएस लागू की जिसे पूरे राज्य में समर्थन मिला था. उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य का कर्मचारी वर्ग जानना चाहता है कि इस सरकार की मंशा क्या है?” जूली ने कहा कि राज्य कर्मचारियों में इस बात को लेकर आशंका है कि राज्य सरकार आगामी लोकसभा चुनाव के बाद एनपीएस लागू करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ओपीएस बरकरार रखेगी या एनपीएस लागू करेगी.. इसे लेकर अपना रुख करे.बता दें, गहलोत सरकार ने राजस्थान में राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल की थी. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद इसे अमली जामा पहनाने की बात थी. लेकिन जनता ने उन्हें मेंडेट नहीं दिया और वह सरकार में वापसी नहीं कर सके.