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चिड़ावा। शहर के गोगाजी मंदिर परिसर में मंगलवार रात्रि को नानी बाई का मायरो कथा का शुभारंभ हुआ। कथा वाचक संत विद्यासागर महाराज ने कथा के पहले दिन भगत नरसी मेहता के जीवन का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि वे ब्राह्मण परिवार से थे, लेकिन उनका परिवार व्यापारियों के खाता बही लेखन कार्य करता था। इसी के चलते लोग उनके नाम के आगे मेहता लगाने लगे।
उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा ऐसे काम करने चाहिए कि जब मृत्यु भी हो जाए तो लोग आपको दुनिया वाले याद करते रहे। नरसी भगत भी ऐसे बिरले संत हुए। उन्होंने भगवान में ऐसा अनुराग लगाया कि भगवान भी उनकी भक्ति के कायल हो गए। कथा शुरू होने से पूर्व हरि कीर्तन किया गया। इसके बाद गुरु वंदना की गई। संत विद्या सागर महाराज ने बावलिया बाबा और गोगाजी महाराज के साथ ही लोकदेवताओं की वंदना की। इस दौरान सत्यनारायण सैनी, गोपीराम सैनी, संदीप शर्मा, सुनील सिद्दड़, विकास गुप्ता, मुकेश खंडेलवाल, अशोक गोयल, अमित गोयल, सुनील मंड्रेलिया, सत्यनारायण कुमावत सहित काफी महिला और पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।
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