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बिहार में गुरुवार को एकबार फिर पुलिस ने लाठियां भांजी. पुलिस ने इतनी बेरहमी से लाठियां चलाई की बीजेपी के दर्जन भर विधायक चोटिल हो गए, कई सांसदों को भी गंभीर चोटें आई है. महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल मीडियाकर्मियों को अपना हाथ दिखाते नजर आए. उन्होंने कहा कि पुलिस लाठीचार्ज में उनका हाथ टूट गया है. इधर बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह की लाठीचार्ज के दौरान मौत हो गई है. बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह जहानाबाद के रहने वाले थे और बिहार विधानसभा मार्च में शामिल होने के लिए पटना आए थे. कहा जा रहा है कि वह लाठीचार्ज के बाद हुए भगदड़ में गिर गए. बीजेपी ने विजय कुमार सिंह की मौत को हत्या बताया है. जबकि पटना पुलिस इससे इंकार कर रही है. पुलिस ने कहा है कि विजय कुमार सिंह की मौत लाठीचार्ज से नहीं हुई है. उनके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं है. वह छज्जूबाग इलाके में बेहोशी की हालत में गिरे हुए थे इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. उनकी मौत की वास्तविक वजह क्या है पुलिस इसकी जांच कर रही है.
बीजेपी ने कहा हत्या का बदला लेंगे
पुलिस भले ही मौत की वजह लाठीचार्ज नहीं मान रही है लेकिन बीजेपी के सभी नेता एक सुर में इसे पुलिस लाठीचार्ज में मौत बता रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने तो इसके लिए सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहरा दिया है. बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि सरकार हत्या के मामले को स्वाभाविक मौत बताने की साजिश कर रही है. जबकि शासन के आदेश पर पुलिस ने अंधाधुंध लाठियां बरसाई है. पुलिसिया कार्रवाई में बीजेपी के दर्जनों कार्यकर्ता-नेता बुरी तरह घायल हुए हैं. हमारे एक नेता की मौत हुई है. सम्राट चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता विजय कुमार सिंह की मौत स्वाभाविक नहीं है, ये हत्या है और उनकी हत्या के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. बीजेपी इस हत्या का बदला लेगी.
पटना में चटकी लाठी दिल्ली तक गई आवाज
पटना में हुई लाठीचार्ज की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी. बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हुए लाठीचार्ज पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जेपी नड्डा ने ट्वीट किया है- नीतीश कुमार सारी नैतिकता भूल गए हैं. जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है उसे बचाने के लिए वह इस तरह के काम कर रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज नीतीश सरकार की विफलता को दिखाता है. वह महागठबंधन सरकार की भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला करवा रहे हैं. इधर जेडीयू ने कहा है कि सबको कानून का पालन करना होगा. एमएलसी और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि डाक बंगला का क्षेत्र प्रतिबंधित है, वहां इस तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए था.
बिहार में क्यों मचा है घमासान?
दरअसल बीजेपी बिहार में पूरी तरह चुनावी मोड में है. 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में बीजेपी पिछला प्रदर्शन दोहराने के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी कर रही है. बीजेपी हर उस आंदोलन का समर्थन कर रही है जो सरकार के खिलाफ है. नियोजित शिक्षक सामान वेतन और राज्यकर्मी की मांग तबसे कर रहे हैं जबसे बीजेपी नीतीश कुमार के साथ सरकार थी. अब जब नीतीश कुमार पाला बदलकर महागठबंधन की तरह शिफ्ट हो गए हैं तब बीजेपी को यह मुद्दा सूट कर रहा है. इसके बाद वह इसके समर्थन में सड़क पर हैं.
सड़क और सदन दोनों जगह एक्टिव
गुरुवार को बीजेपी एक तरफ सड़क पर जहां शिक्षकों के मुद्दे को लेकर उतरी तो वहीं सदन में तेजस्वी यादव पर हुई चार्जशीट को लेकर भी सरकार पर हमलावर है. बीजेपी नीतीश कुमार को बार-बार यह याद दिला रही है कि पिछली बार जब तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप मात्र लगे थे तब आपने साथ छोड़ दिया था अब तेजस्वी यादव का नाम चार्जशीट में है तो उनके साथ क्यों हैं? बीजेपी इस मुद्दे को लगातार बड़ा बनाने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि पांच दिनों के बिहार विधानसभा का मानसून सत्र का चार दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया. चार दिन मिलाकर चार घंटे भी सदन नहीं चले हैं. बीजेपी सोमवार पहले दिन से ही तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग कर रही है. गुरुवार को बीजेपी विधायकों ने इसपर इतना हंगामा किया कि विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शल आउट कर दिया गया.