REPORT TIMES
उत्तर प्रदेश के औरैया में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने एक प्राइवेट अस्पताल में अचानक छापा मारा. छापेमारी के दौरान अफसर के डर से प्राइवेट अस्पताल में मौजूद आशा कार्यकर्ता टेबल के नीचे छिप गईं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्करों को ये जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अपने इलाके की गर्भवतियों को जब प्रसव पीड़ा हो, तो सरकारी अस्पताल पहुंचाएं. लेकिन, आरोप है कि कुछ आशा वर्कर पैसों के लालच में गर्भवतियों को प्राइवेट अस्पताल में जाने के लिए मजबूर कर रही हैं. इस प्रकार की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक ने बिधूना तहसील क्षेत्र के लक्ष्मी प्राइवेट हॉस्पिटल में छापा मारा. अधीक्षक की अचानक छापेमारी से अस्पताल में हड़कंप मच गया. आशा वर्कर अस्पताल के एक कमरे का दरवाजा बंदकर छिप गईं. इसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक आशा कार्यकर्ताओं को कमरे का दरवाजा खोलने को कह रहे हैं.
टेबल के नीचे छिपी आशा कार्यकर्ता
फिर जैसे-तैसे कमरे का दरवाजा खुलता है तो आशा वर्कर छिपती हुई नजर आईं. एक आशा वर्कर तो टेबल के नीचे छिप गई. वहीं, एक आशा कार्यकर्ता जमीन पर रेंगती हुई दिखी. दावा किया जा रहा है कि अस्पताल के निरीक्षण का यह वीडियो खुद स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक ने बनाया है.
आशा बहुओं से स्पष्टीकरण मांगा गया
स्वस्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर अविचल पांडे के मुताबिक,छापेमारी के दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल में पकड़ी गईं 7 आशा बहुओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. सरकार गर्भवतियों के स्वास्थ्य को देखते हुए कई योजनाएं चला रही है. उनके प्रसव कार्य के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग से वार्ड भी बनाए गए हैं. लेकिन, कुछ आशा कार्यकर्ता गर्भवतियों को प्राइवेट अस्पताल में जाने के लिए मजबूर कर रही हैं, जो कि बेहद गलत है.