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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक जूनियर डॉक्टर ने संदिग्ध परिस्थिति में सुसाइड कर लिया. जूनियर डॉक्टर की पहचान आंध्र प्रदेश की रहने वाली डॉ. सरस्वती के रूप में हुई है. वहां यहां गांधी मेडिकल कॉलेज में पीजी तृतीय वर्ष की छात्रा थी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने डॉ. सरस्वती का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने उसके परिजनों को भी सूचित कर दिया है. उनके भोपाल पहुंचने के बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे.इसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई होगी. भोपाल में एसीपी उमेश तिवारी के मुताबिक डॉ. सरस्वती के माता पिता कर्नाटक में रहते हैं. वहीं डॉ. सरस्वती खुद एमबीबीएस के बाद यहां मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रही थी. यह उसका तीसरा साल था. बताया जा रहा है कि कई दिनों से वह काफी स्ट्रैस में थी. पुलिस की जांच में पता चला है कि 27 वर्षीय सरस्वती तीन महीने की गर्भवती भी थी. वहीं उसके पति जयवर्धन सिंह यूपीएसई की तैयारी कर रहे हैं. पुलिस ने जयवर्धन का बयान दर्ज किया है.
इसमें उन्होंने बताया कि सरस्वती ने सुबह करीब 6 बजे बेहोशी वाला इंजेक्शन लिया है.उन्हें इसकी जानकारी हुई तो वह तत्काल उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस को आशंका है कि सरस्वती की मौत बेहोशी के इंजेक्शन के ओवरडोज की वजह से हुआ है. हालांकि अभी तक साफ नहीं हो सका है कि डॉ. सरस्वती ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन क्यों लिया.पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पति जयवर्धन से पूछताछ में पता चला है कि दोनों पति पत्नी अलग अलग कमरे में सोए थे.सुबह जयवर्धन की नींद खुली तो उसने पत्नी के कमरे में जाकर देखा तो वह बेहोशी की हालत में थी. पास में ही इंजेक्शन की शीशी और सीरिंज पड़ा था. अनहोनी की आशंका होने पर जयवर्धन ने ही डॉ. सरस्वती को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. बता दें कि भोपाल में किसी जूनियर डॉक्टर के सुसाइड का यह कोई पहला मामला नहीं है.इससे पहले 4 जनवरी 2023 को आकांक्षा महेश्वरी नाम की छात्रा ने सुसाइड किया था. इस घटना की वजह भी स्ट्रेस बताई गई थी. आकांक्षा माहेश्वरी ने भी बेहोशी का इंजेक्शन लिया था. वह यहां गांधी मेडिकल कॉलेज से ही पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थी. इस घटना से कुछ दिन पहले ही वह ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद यहां पीजी के लिए आई थी.