REPORT TIMES
हरियाणा के नूंह इलाके में बीते दिन हुए बवाल के बाद हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. नूंह और आसपास के जिलों में हुई हिंसा में कुल 3 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक दर्जन के करीब लोग घायल हुए हैं. अब इस घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि यात्रा पहले से ही तय थी और कई इनपुट ऐसे भी मिले थे कि यहां बवाल हो सकता है.सूत्रों के मुताबिक, मेवात में होने वाली धार्मिक यात्रा से दो दिन पहले ही मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी और बड़ी संख्या में लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की थी. मोनू मानेसर विवादित किरदार है और जुनैद-नासिर मामले में वांछित भी है. मोनू मानेसर की अपील के बाद ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट वायरल होने लगे थे. नूंह के एसपी के मुताबिक, LIU से कुछ इनपुट मिले थे लेकिन ये नहीं पता था कि इतना बवाल होगा,
इसके बाद तुरंत अलर्ट किया गया. हमने 400-500 पुलिसवालों को तैनात किया था, यात्रा के वक्त नूंह एसपी छुट्टी पर थे इसलिए पलवल के एसपी को इसका इंचार्ज दिया गया. लेकिन हिंसा रुक नहीं पाई और बाद में भिवानी एसपी को स्पेशल चार्ज सौंपा गया. इनपुट मिलने के बाद भी रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती नहीं हुई थी, जबकि घटनास्थल से आरपीएफ का कैम्प आधे घंटे की दूरी पर ही था. जानकारी के मुताबिक, आरएएफ को इन्फॉर्म करने में भी देरी की गई है. यही सब इनपुट कई तरह के सवाल पैदा करते हैं, क्योंकि इनपुट मिलने के बाद भी लोकल पुलिस और प्रशासन ने कोई सख्ती नहीं बरती थी. शोभायात्रा में अगर हिंसा के इनपुट थे तो फिर इसे रोकने का फैसला क्यों नहीं किया गया है.
नूंह में अभी बढ़ाई गई है सुरक्षा
मंगलवार सुबह की जानकारी के मुताबिक, नूंह और आसपास के क्षेत्र में अब हालात काफी हद तक सामान्य हैं. बीते दिन यहां से ही हिंसा भड़की थी और अब केंद्र की ओर से भेजी जा रही मदद भी पहुंचने लगी है. मंगलवार सुबह तक अर्धसैनिक बलों की 13 कंपनियां पहुंच गई हैं, 6 और भी पहुंचने वाली हैं. सोमवार दोपहर को शोभायात्रा के वक्त हिंसा हुई थी, जिसमें कुल 3 लोगों की मौत हुई है. नूंह में हिंसा होने के बाद फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम में धारा 144 लगा दी गई है. फरीदाबाद, गुरुग्राम में स्कूल-कॉलेज भी बंद किए गए हैं. मंगलवार को सोहना में भी शांति कमेटी की बैठक होनी है.