REPORT TIMES
जयपुर से मुंबई जा रही ट्रेन में फायरिंग के मामले में आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह के खिलाफ मुंबई की बोरीवली थाने की पुलिस ने केस दर्ज किया है. बोरीवली पुलिस आरोपी को जीआरपी की हिरासत से कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है. आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ एक एएसआई समेत चार लोगों को गोली मारने का आरोप है. यह वारदात सोमवार की सुबह करीब पांच की है. वारदात के समय यह ट्रेन वापी स्टेशन से छूटने के बाद बोरीवली स्टेशन पहुंचने वाली थी. आरोपी कांस्टेबल को जीआरपी ने मौके पर ही काबू कर लिया था. बता दें कि जयपुर मुंबई एक्सप्रेस एक्सप्रेस 30 जुलाई की सुबह जयपुर स्टेशन से मुंबई के लिए रवाना हुई थी. जैसे ही यह ट्रेन वापी स्टेशन से निकली, अचाक से कुछ हुआ और रेलवे सुरक्षा बल के जवान चेतन सिंह (30) गुस्से में आ गया. उसके साथ आरपीएफ के एएसआई टीकाराम की भी ड्यूटी थी. आरोपी ने पहले एएसआई को गोली मारी. इसके बाद कोच बी 5 में जाकर मीना को गोली मार दी. आरोपी ने इसी कोच में एक और अन्य यात्री को गोली मारी और फिर पेंट्रीकार से आगे बढ़कर एस 6 कोच में तीसरे यात्री को गोली मारी. इस वारदात में एएसआई समेत तीनों यात्रियों की मौत हो गई है.इस फायरिंग की वजह से पूरी ट्रेन में दहशत हो गई. आनन फानन में यात्रियों ने चेन खींच कर ट्रेन को रोक दिया.
गाड़ी रुकते ही आरोपी कांस्टेबल चेतन नीचे उतर कर पटरियों पर दौड़ने लगा. गनीमत रही कि उसी समय पीछे से आए जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने आरोपी को काबू किया और उसका हथियार कब्जे में ले लिया. वहीं जब ट्रेन बोरीवली पहुंची तो जीआरपी ने आरोपी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया. बोरीवली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या व शस्त्र अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है.बोरीवली पुलिस ने बताया कि इस वारदात में रेलवे सुरक्षा बल के एएसआई टीकाराम मीना के अलावा तीन यात्रियों की मौत हुई है. इनकी पहचान मधुबनी बिहार के रहने वाले अजगर अब्बास शेख, नालासोपारा पालघर के रहने वाले अब्दुल कादर भाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला और एक अज्ञात के रूप में हुई है. पुलिस इस अज्ञात मृतक की शिनाख्त की कोशिश कर रही है. उधर, घटना की सूचना मिलने पर यात्री अजगर अब्बास के परिजनों ने धरना प्रदर्शन किया.आरोप लगाया कि वारदात के बाद प्रशासन की ओर से सहानुभूति तक नहीं जताई गई. कहा कि उन्हें शव लेकर जयपुर जाना है, लेकिन प्रशासन एंबुलेंस तक मुहैया नहीं करा रहा है. उधर, उत्तर प्रदेश में हाथरस के रहने वाले कांस्टेबल चेतन के परिजनों ने बताया कि उसे मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी. लेकिन वह आरपीएफ के अफसरों की प्रताड़ना की वजह से परेशान था. इन्हीं समस्याओं की वजह से वह मानसिक रूप से बीमार था और उसका इलाज चल रहा था. परिजनों ने घटना की निंदा की, लेकिन इस घटना के लिए आरपीएफ के अफसरों को भी जिम्मेदार बताया.