REPORT TIMES
बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में है, खास कर नेपाल सीमा से सटे जिलों में बाढ़ का आलम है. नेपाल में हो रही बारिश से बिहार की नदियां उफान पर है. बिहार का पूर्वी चपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर और मधुबनी समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है. इसके साथ ही मधुबनी में भी नदियां उफान पर है. बेतिया में बाढ़ में डूबे एक गांव में प्रसव पीड़ा होने के बाद जुगाड़ की नाव से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया यहां महिला को जब प्रसव पीड़ा हुआ तो परिजनों के पास अस्पताल ले जाने का कोई साधन नहीं था तब दो बड़ी कड़ाही को बांस के सहारे जोड़कर नाव का रूप दिया फिर महिला को उसपर बैठा कर तीन से चार फीट पानी में परिजन खींचते हुए किनारे तक ले गए.
बेतिया के योगापट्टी प्रखंड का मामला
इसके बाद वहां से दूसरे साधन से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया. जुगाड़ नाव से अस्पताल पहुंचाने का ये मामला बेतिया के योगापट्टी प्रखंड के जररपुर पंचायत के जररपुर गांव का है. दरअसल जररपुर गांव के रहने वाले इंद्रजीत चौधरी की 30 वर्षीय पत्नी बबीता देवी को बुधवार के साढे 11 बजे प्रसव पीड़ा हुआ. बाढ़ की वजह से अस्पताल जाने का कोई रास्ता नहीं होने के वजह से घरवाले परेशान हो गए.
बाढ़ में जुगाड़ के सहारे लोग
लेकिन कहते हैं ना आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है. परेशान घरवालों ने अस्पताल ले जाने के लिए जुगाड़ वाला नाव तैयार किया. घरवालों ने गुड़ बनाने वाली बड़ी कड़ाही को बांस के सहारे बांधकर नाव बनाया और फिर महिला को उसमें बैठाकर अस्पताल ले गए. बाढ़ पीड़ित सत्यदेव चौधरी ने बताया कि उनकी बहू को बुधवार को प्रसव पीड़ा होने लगा. बाढ़ आने के बाद अस्पताल ले जाने का कोई साधन नहीं था. तब बड़े कराह (कड़ाही) को जुगाड़ नाव बनाया और प्रसव के लिए बहू को अस्पताल ले गए. उन्होंने बताया कि जुगाड़ नाव से 2 किलोमीटर की दूरी तय किया गया. यह बहुत खतरनाक था लेकिन कोई और उपाय नहीं होने की वजह से उन्हें जुगाड़ के नाव पर ले जाना पड़ाउन्होंने कहा कि गांव पानी में डूबा हुआ है लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद नहीं पहुंचाई जा रही. बेतिया के योगापट्टी प्रखंड के खुटवनिया,जररपुर,गजना,शाही बाजार,बईसीया आदि गांव के लोग गंडक नदी में लगातार वृद्धि होने से बाढ कि चपेट मे है. जिससे 600 घरों के लोग परेशान हैं.