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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नारायणा में गैस लीकेज के शिकार 23 बच्चों को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें दो बच्चों की हालत नाजुक है और उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. यह घटना शुक्रवार को नारायणा रेलवे लाइन के पास स्थित नगर निगम के स्कूल का है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय व अन्य अधिकारियों ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि गैस की लीकेज कैसे हुई. घटना के संबंध में खुद एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने ट्वीट कर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सभी 23 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें 8 बच्चे आचार्य भिक्षु अस्पताल में भर्ती हैं. इनकी हालत ठीक है. वहीं 15 बच्चों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. इनमें 2 बच्चों की हालत थोड़ी खराब है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया हैं. मेयर ने बताया कि डॉक्टरों की टीम बच्चों पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि गैस लीकेज क्यों और कैसे हुई, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता फिलहाल इस गैस की चपेट में आए बच्चों का स्वास्थ्य है. उन्होंने बताया कि यदि इस घटना में किसी की लापरवाही या शरारत सामने आती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
उधर, घटना की जानकारी मिलते ही इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों में हड़कंप मच गया है. लोग आनन फानन में भाग कर अस्पताल पहुंचे और अपने बच्चों की हालत जानी. इस मौके पर परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया. सात वर्षीय छात्रा वंशिका के पिता काकू ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि इतनी बड़ी घटना हो गई और किसी ने उन्हें सूचना तक नहीं दी. इधर उधर से सूचना मिलने पर वह स्कूल भी गए, लेकिन यहां उन्हें कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था. बाहर खड़े लोगों ने उन्हें बताया कि बच्चों को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया है. इसके बाद सब लोग भागकर यहां पहुंचे. कुछ इसी तरह के आरोप अन्य परिजनों के भी हैं. उधर, डॉक्टर भी अभी तक इस घटना के संबंध में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक मामला गैस लीक का है या कुछ और, अभी नहीं कहा जा सकता. दरअसल इसी स्कूल के पहले और दूसरे फ्लोर पर अन्य बच्चे भी थे, लेकिन उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई है. इन बच्चों ने बताया कि अचानक बदबू आई और फिर पता नहीं चला कि क्या हुआ. डॉक्टरों के मुताबिक दो बच्चों को ऑक्सीजन लगाया गया है. वहीं बाकी बच्चों में उल्टी और घबराहट के लक्षण पाए गए हैं.