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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेसी मीटिंग में रूस के दो पड़ोसी देश अर्मेनिया और अजरबैजान भिड़ गए. दोनों देशों के बीच यह भिड़ंत लाचिन कॉरिडोर को लेकर हुई है. अजरबैजान ने इस कॉरिडोर को ब्लॉक कर दिया है, जिससे नागोर्नो-काराबाख के लोगों को फुड क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है. इस पहाड़ी इलाके के 1,20,000 लोग इस समस्या से काफी परेशान हैं. बता दें कि अजरबैजान ने 15 जुलाई से ही इस कॉरिडोर को बंद करके रखा है. लाचिन कॉरिडोर के अवरुद्ध होने से नागोर्नो-काराबाख के लोगों को भोजन, दवा और बिजली की कमी हो गई है. यह इलाका अर्मेनियाई आबादी वाला इलाका है. यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में जब इस बात को लेकर चर्चा हुई तो दोनों देश आपस में भिड़ गए.
30 साल पुरानी है अर्मेनिया-अजरबैजान की लड़ाई
बता दें कि नागोर्नो-काराबाख रिजन को लेकर दोनों देशों की लड़ाई दशकों पुरानी है. 1994 से ही अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच यह लड़ाई चल रही है. दरअसल, नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है. मगर 1994 की लड़ाई में यह और इसके आसपास का इलाका अर्मेनियाई फोर्स के कंट्रोल में आ गया था. वहीं, 2020 में अजरबैजान ने इस इलाके पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया. दोनों देशों के बीच करीब छह हफ्ते तक युद्ध चला था. इस युद्ध को रोकने में रूस ने अहम भूमिका निभाई थी.
UN की मीटिंग में क्या हुआ?
संयुक्त राष्ट्र की इमरजेसी मीटिंग में कई देशों ने अजरबैजान से लाचिन रोड को तुरंत ओपन करने की अपील की. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के ऑर्डर का हवाला देते हुए सभी 15 देशों ने दोनों देशों से 30 से चली आ रही इस समस्या का समाधान खोजने का भी आग्रह किया. हालांकि, मीटिंग में सिक्योरिटी काउंसिल ने कोई बयान जारी नहीं किया. मगर बैठक की अध्यक्षता करने वाली अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बाद में समाचार एजेंसी एपी को बताया कि लाचिन कॉरिडोर को फिर से खोलने की जरूरत है.