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पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर किसान सड़क पर उतरे हैं. कई मांगों को लेकर किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन मंगलवार को चंडीगढ़ कूच का ऐलान किया गया. प्रशासन इस ऐलान के बाद से ही एक्टिव हो गया था और आसपास के जिलों के किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. लेकिन आखिर किसान क्यों ये प्रदर्शन कर रहे हैं और फिर सड़कों पर उग्र हालात हो रहे हैं, समझिए… मौसम, बाढ़ की वजह से फसल, मवेशियों को पहुंचे नुकसान के बाद हरियाणा, पंजाब के किसान सरकार से कई मांगें कर रहे थे. इनमें मुआवजा, विशेष पैकेज और अन्य कुछ डिमांड रखी गई हैं. इसी को लेकर संगरूर में किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा था, जहां पुलिस-किसानों में तनाव भी हो गया था.
किसानों की मुख्य मांग क्या हैं?
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- बाढ़ की वजह से जितनी फसल खराब हुई है, उनके लिए मुआवजा दिया जाए.
- केंद्र सरकार 50 हजार करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान करे.
- घग्गर और अन्य नदियों के बांधों को दुरुस्त किया जाए.
- सरकार की ओर से 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए.
- बाढ़ में जो मवेशी मारे गए गए हैं, उनके लिए 1 लाख रुपये मुआवजा मिले.
- जिन्होंने जान गंवाई है उन्हें 10 लाख, जिन्होंने मकान गंवाया है उन्हें 5 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए.
- इनके अलावा अन्य पुरानी मांगें जो हैं, उनको भी दोहराया गया है.
हिरासत में लिए गए कई किसान नेता
Advertisementचंडीगढ़ पहुंचने से पहले ही स्थानीय प्रशासन ने कई अहम फैसले लिए थे. राजधानी में हालात ना बिगड़े इसके लिए कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है, इनमें किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह, सरवन सिंह पंढेर, मंदीप नथवान, जगदीप सिंह औलख, संजीव रोर, अमरजीत सिंह मोहरी समेत अन्य कुछ किसान चेहरों को पहले से ही नज़रबंद कर लिया गया है.