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आम आदमी पार्टी के एक और विधायक की मुश्किलें बढ़ने वाली है. दिल्ली के मॉडल टाउन विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मामला दिल्ली विधानसभा स्पीकर के पास भेज दिया है. त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों के दौरान चुनाव लड़ने की इच्छुक एक महिला को आम आदमी पार्टी (AAP) से टिकट पक्का करवाने के लिए 90 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.इस आरोप के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और उनके अन्य तीन सहयोगियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. त्रिपाठी के खिलाफ ACB ने पीसी एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी. अखिलेश पति त्रिपाठी के अलावा जिन तीन अन्य लोगों के नाम इस FIR में हैं, उनमें से एक त्रिपाठी की पत्नी के भाई ओम सिंह भी हैं. बाकी दो में से एक का नाम शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडे है, जो कि अखिलेश पति त्रिपाठी का निजी सहायक है.
FIR में दर्ज तीसरा नाम प्रिंस रघुवंशी का है. इन तीनों को पिछले साल नवंबर महीने में ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जानकारी के मुताबिक जब ACB इस मामले की पड़ताल कर रही थी, तब इस दौरान आम आदमी पार्टी के एक और विधायक का नाम बार-बार सामने आया. बताया जा रहा है कि वजीरपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश गुप्ता का नाम इस मामले में सामने आ रहा है.
सहयोग नहीं कर रहे त्रिपाठी, सबूत भी उनके खिलाफ: ACB
वहीं एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि इस मामले की पड़ताल के दौरान विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे हैं. एसीबी का कहना है कि अखिलेश पूछताछ के दौरान उनसे किए गए सवालों का भी जवाब नहीं दे रहे हैं. भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच कर रही एसीबी का कहना है कि जो सबूत और तथ्य उनको मिले हैं, वो साफ-साफ इशारा कर रहे हैं कि विधायक त्रिपाठी और उनके साथी घूसखोरी के इस मामले में संलिप्त हैं.