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हरियाणा सरकार की फ्री टैबलेट स्कीम विरोध शुरू हो गया है. हरियाणा वासियों का आरोप है कि यह स्कीम बच्चों को पढ़ाई से दूर कर रही है. बच्चे हाथ में टैबलेट आने के बाद पढ़ाई छोड़ कर रील बना रहे हैं और उसे इंस्टाग्राम व फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं. इस स्कीम के विरोध में हरियाणा के जींद में ग्रामीणों की एक मीटिंग हुई. इसमें सर्व सम्मति से योजना का विरोध करते हुए योजना को वापस लेने की मांग की गई. ग्रामीणों की यह बैठक जींद जिले के उचाना क्षेत्र में कसूहन गांव के सरकारी स्कूल में हुई. इस बैठक में कसूहन के सरपंच प्रतिनिधि श्रीकांत, घोघडिय़ा से सरपंच प्रतिनिधि मंदीप बूरा, कालता से सरपंच प्रतिनिधि परमानंद, भौंसला सरपंच नसीब, मोहनगढ़ छापड़ा से सरपंच प्रतिनिधि अमीर सिंह, खटकड़ सरपंच सतबीर प्रमुख रूप से पहुंचे थे. इन सभी ने राज्य सरकार की ओर से बच्चों में वितरित किए जा रहे टैबलेट का विरोध किया.
कहा कि इस योजना के दुष्परिणाम सामने आ रहे है. ग्रामीणों ने इस मीटिंग में एक राय होकर फैसला लिया कि सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती है तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.ग्रामीणों ने बताया कि जो बच्चे हाल तक स्कूल से लौटने के बाद घर में पढ़ाई करते थे, आज वह सभी बच्चे अपने टैबलेट में बिजी हैं. कोई बच्चा रील बना रहा है तो कोई सोशल मीडिया खंगाल रहा है. यह सभी बच्चे इस टैब का इस्तेमाल नई चीजों को सीखने के बजाय फेसबुक और गूगल पर गेम खेलने में करने लगे हैं.यह स्थिति बच्चों को शिक्षा से दूर कर रही है. बता दें कि इससे पहले भी हरियाणा की कई पंचायतों की ओर से इस स्कीम के विरोध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा गया था. इसमें ग्रामीणों ने मांग की थी कि बच्चों को टैब देने के बजाय इसे स्कूल में ही रखा जाए और स्कूल के अंदर ही बच्चों को नई तकनीक की जानकारी दी जाए. अब एक बार फिर 6 गांव के लोगों ने मांग की है कि सरकार बच्चों को दिए गए टैब वापस ले और स्कूल में बच्चों को पहले की ही तरह शिक्षा दिया जाए.