REPORT TIMES
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 41 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. अब तक की लिस्ट में 7 सांसदों को भी उम्मीदवार बनाया गया है. यही वजह है कि पहली लिस्ट जारी होने के बाद टिकट कटने वाले नेताओं का विरोध चरम पर आ गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कह चुके हैं कि पहली लिस्ट में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम ही नहीं है. सूत्रों के मुताबिक पहली लिस्ट में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम था जिन्हें विद्याधर नगर से पार्टी ने लड़ाने की तैयारी कर ली थी लेकिन अब दिया कुमारी को सिविल लाइन के बदले विद्याधर नगर से लड़ाने का फैसला लिया गया है. यही वजह है कि पूरे मामले पर सियासत शुरू हो गई है.
दिया कुमारी का कद कैसे बढ़ा?
दिया कुमारी वर्तमान में राजसमंद से सांसद हैं. वह सिविल लाइन क्षेत्र से लड़ाना चाहती थीं लेकिन सिविल लाइन क्षेत्र में पार्टी प्रताप सिंह खाचरियावास को सबसे दमदार उम्मीदवार मानती है. यही वजह है कि उन्होंने भाजपा आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाई और दिल्ली में भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर विद्याधर नगर जैसी सेफ सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई.
आलाकमान ने मानी दिया कुमारी की बात
उसके बाद अलाकमान ने दिया कुमारी की बात मान ली तो भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का विद्याधर नगर सीट से नाम कट गया. वहीं राजेंद्र राठौड़ विद्याधर की सेफ सीट से लड़ना चाहते थे.अब भाजपा नेता नेता प्रतिपक्ष जैसे वरिष्ठ पद का पहली लिस्ट से नाम हटवाने और दिया कुमारी का अचानक से कद बढ़ने जैसी बातें करने लगे हैं.
नरपत सिंह राजवी का दिया कुमारी पर निशाना
अचानक दिया कुमारी का कद बढ़ने और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का नाम कटने पर विद्याधर नगर से बीजेपी के मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी ने टिकट वितरण को लेकर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि मुग़लों के आगे घुटने टेकने वालों को टिकट दिया है, यह ठीक नहीं. उन्होंने आपत्ति जताई है कि टिकट वितरण में उनसे कोई मशविरा नहीं लिया गया है.
लेकिन इस बयान के सामने आने के बाद वो बुरी तरह फंस गये. देर रात उन्होंने विरोध जताया लेकिन फिर सुबह होकर उनके निजी सचिव के माध्यम से खंडन करते हुए मीडिया को एक चिट्ठी जारी की गई. चिट्ठी में लिखा था कि नरपत सिंह राजवी ने किसी तरह का बयान नहीं दिया है.