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राजस्थान की सत्ता पर काबिज होने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. विधानसभा चुनाव की अधिसूचना सोमवार से जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे. इसके बाद 7 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 9 नवंबर तक नाम वापस ले सकते है .राजस्थान की सभी 200 सीटों पर एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान और 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भले ही सोमवार से शुरू हो रही, लेकिन अभी भी राज्य की सभी 200 सीटों पर कैंडिडेट के नामों का ऐलान नहीं हुआ है. कांग्रेस ने अब तक उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी की है और 95 सीटों पर ही कैंडिडेट उतारे हैं. वहीं, बीजेपी ने उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है और 124 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है. आम आदमी पार्टी ने अभी तक राजस्थान में 60 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है.
उम्मीदवारों को लेकर असमंजस में कांग्रेस-बीजेपी
कांग्रेस अभी भी 105 सीटों पर टिकट फाइनल नहीं कर सकी तो बीजेपी 76 सीट पर कैंडिडेट घोषित नहीं किए है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही उम्मीदवारों के नामों को लेकर असमंजस में फंसी हुई है. दोनों ही दलों को विरोध और दल बदल का डर सता रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे की टिकटों की लिस्ट देखकर अपने पत्ते खोल रही है.
जीत की संभावना दिखने वालों पर दांव
राजस्थान में कांग्रेस अपनी सत्ता को बचाए रखने की कोशिश में है तो बीजेपी वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है. यही वजह है कि दोनों ही दल फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहे हैं और जिसमें जीत की संभावना दिख रही है, उसी पर दांव खेल रही हैं. नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू होने के बावजूद सभी सीटों पर कैंडिडेट के नाम घोषित नहीं हुए हैं. गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी के टिकट को लेकर अभी भी तलवार लटकी हुई है. इसी तरह कांमा विधानसभा सीट से विधायक मंत्री जाहिदा खान का जमकर विरोध देखने को मिल रहा है.
चुनाव में सीएम गहलोत की होगी अग्निपरीक्षा
विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के लिए है, जहां सीएम अशोक गहलोत की अग्निपरीक्षा होनी है. प्रदेश के साढ़े 3 दशक के सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है, जिसके चलते बीजेपी अपनी वापसी की उम्मीदें लगाए हुए हैं. गहलोत अपनी योजनाओं के जरिए सत्ता परिवर्तन की रिवाज को तोड़ने की कोशिश में है, तो बीजेपी उसे हरहाल में बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है. इन दोनों दलों के अलावा बसपा, आम आदमी पार्टी और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी किंगमेकर बनने की कवायद में है.
11 दिन बाद राज्य की तस्वीर होगी साफ
राजस्थान विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया 9 नवंबर को खत्म होने के बाद यानी 11 दिन बाद राज्य की तस्वीर साफ हो जाएगी कि,कहां सीधा मुकाबला है और कहां त्रिकोणीय. कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट 31 अक्टूबर यानि मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे जबकि बीजेपी नेता व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे 4 नवंबर को नामांकन पत्र भरेंगी.
टिकट न मिलने से नाराज उम्मीदवार कर रहे विरोध
राजस्थान चुनाव में एक ट्रेंड रहा है कि, ज्यादातर मंत्री और विधायक अपनी सीट नहीं बचा पाते हैं, जिसके चलते कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अपने कई दिग्गज नेताओं के टिकट काट दिए हैं तो कुछ को रिपीट किया है. शाले मोहम्मद, हेमाराम चौधरी, लालचंद कटारिया और सुभाष गर्ग जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के टिकट अभी तक फाइनल नहीं हुए हैं. बीजेपी ने भी अपने कई दिग्गज नेताओं को इस बार टिकट से महरूम कर दिया है. इसके चलते कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.