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अमेरिका में भारतीय राजदूत के साथ बदसलूकी, खालिस्तानियों ने की धक्का-मुक्की की कोशिश

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अमेरिका में भारत के एम्बेसडर तरनजीत सिंह संधू के साथ सिख अलगाववादियों ने धक्का-मुक्की की कोशिश की है. ये घटना न्यूयॉर्क के हिक्सविले गुरुद्वारे में हुई. प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े अलगाववादियों ने सिंह को घेरने की कोशिश की. ये सभी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिशों से आक्रोशित थे. इन दोनों घटनाओं का आरोप अलगाववादी भारत पर लगा रहे थे ओर भारतीय राजनयिक से जवाब मांग रहे थे. हालांकि, इस घटना के बाद संधू फौरन गुरुद्वारे से निकल गए. हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में पन्नू की हत्या की कोशिश का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी. हालांकि, इस मुद्दे पर भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. वहीं, इसी बरस जून में कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. बाद में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या मामले में भारत के हाथ होने की बात की थी. भारत सरकार ने कनाडा सरकार के आरोपों को बेबुनियाद बताया था.

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बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की प्रतिक्रिया

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राजदूत संधू के साथ धक्का-मुक्की की खबरों पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की प्रतिक्रिया आई है. सिरसा ने कहा है कि, ‘भारतीय राजदूत के पिता तेजा सिंह समुंदरी ने आजादी से पहले गुरुद्वारे के लिए चाबी वाला मोर्चा लड़ाई लड़ी थी. उनके साथ इस तरह की बदसलूकी बिल्कुल भी उचित नहीं है और मैं इसकी निंदा करता हूं’

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कौन है आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू

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गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब में सिखों के लिए एक अलग राज्य का समर्थक है. वह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रवक्ता है जो स्वतंत्र सिख राज्य खालिस्तान की मांग करता है. पन्नू का ताल्लुक पंजाब के अमृतसर के बाहरी इलाके खानकोट से है. पिता मोहिंदर सिंह, पंजाब राज्य कृषि विपणन बोर्ड के लिए काम करते थे. मां का नाम अमरजीत कौर है. पन्नू का एक भाई भी है जिसका नाम मगवंत सिंह पन्नू है. साल 2020 में, भारत सरकार ने उसे आतंकवादी घोषित किया था.

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दूतावास पर हो चुका है हमला

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अमेरिका में भारतीय राजदूत के साथ बदसलूकी अब हुई लेकिन इससे पहले भारत के दूतावास पर हमला भी हो चुका है. इसी साल मार्च और जुलाई के महीने में खालिस्तानी समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला किया था. मार्च में तो दूतावास को नुकसान भी पहुंचा था. बाद में भारत और अमेरिकी सरकार ने घटना की निंदा की और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी.

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