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चीन में फैली फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी को लेकर राजस्थान में भी स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है. इसे लेकर जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल सहित प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में आज मॉकड्रिल की गई, ताकि चीन में जैसे श्वसन रोग के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसी ही स्थिति अगर राजस्थान में बन जाए तो इस बीमारी से कैसे निपटा जाए. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद बुधवार को अस्पतालों में मॉकड्रिल की गई. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की एसीएस (अपर मुख्य सचिव) शुभ्रा सिंह ने बीते मंगलवार यानि 27 नवंबर को श्वसन संबंधी बीमारी से बचाव की तैयारियों के लिए स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की वीसी ली थी. इस दौरान उन्होंने इस बीमारी से निपटने के लिए चिकित्सा संस्थानों में मॉकड्रिल के निर्देश दिए थे. मॉकड्रिल के दौरान बैड, जांच, दवा, एंबुलेंस, मानव संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों आदि की मॉनिटरिंग की गई.
यहां के लैब में होगी मरीजों के सैंपल की जांच
राजस्थान में अब इन्फ्लूएंजा के मरीज, सांस संबंधी गंभीर के मरीज, जो अस्पताल में होंगे भर्ती, उनके सैंपल जयपुर, जोधपुर, उदयपुर लैब में भेजे जाएंगे. यहां पर मरीजों के सैंपल की जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स, लैब टेक्नीशियन, एंबुलेंस, ऑक्सीजन प्लांट्स को तैयार रखने का निर्देश दिया है. फिलहाल राजस्थान में अभी चिंता की कोई बात नहीं है. सिर्फ एहतियातन तैयारी के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विभाग अलर्ड मोड पर है.
केंद्र सरकार ने इन राज्यों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा
बता दें कि चीन में फैली इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार गंभीर है. सरकार ने कुछ राज्यों को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इन राज्यों में राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु हैं. केंद्र सरकार ने इन राज्यों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है. साथ ही राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ड जारी किया है. केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारें भी अलर्ड मोड पर आ गई हैं. राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है. इसमें लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. पीडियाट्रिक यूनिट्स में बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है.