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राजस्थान के कोटा जिले में छात्रों की आत्महत्या का मामला थम नहीं रहा है. नीट की तैयारी कर रही एक और छात्रा ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. नीट की तैयारी कर रही मृतक छात्रा का नाम निशा यादव (21) है. जो कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की रहनी वाली थी. मृतक नीशा महावीर नगर प्रथम इलाके के एक हॉस्टल में रहती थी. नीशा यादव ने बुधवार रात को कमरे में फांसी लगा ली. मृतक छात्रा के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. पुलिस की पूछताछ में भी आत्महत्या की कोई वजह सामने नहीं आई है. पुलिस ने मृतक छात्रा के शव को कब्जे में लेकर एमबीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि यूपी के औरैया जिले की रहने वाली निशा यादव कोटा में रहकर निजी कोचिंग से मेडिकल की तैयारी कर रही थी.
निशा ने देर रात पिता से फोन पर की थी बात
पहले वह इन्द्रविहार इलाके में रहती थी. 18 नवंबर को ही निशा ने हॉस्टल बदलकर महावीर नगर प्रथम इलाके में रहने आई थी. इस दौरान उसके पिता भी साथ थे. निशा के पिता 6 दिन कोटा रुककर 23 नवंबर को वापस लौटे थे. देर रात भी निशा ने अपने पिता से फोन पर बात की थी. उसके बाद कमरे में फांसी लगा ली.
कमरे का गेट तक शव को बाहर निकाला
पिता ने दुबारा फोन किया तो निशा ने फोन नहीं उठाया. पिता को शक हुआ तो उन्होंने रात 1 बजे हॉस्टल स्टाफ को फोन कर निशा से बात कराने को कहा. हॉस्टल स्टाफ के गेट बजाने पर निशा ने दरवाजा नहीं खोला. स्टाफ ने हॉस्टल संचालक को इसकी सूचना दी. फिर गेट तोड़ा गया. निशा फांसी पर लटकी हुई थी. हॉस्टल में 19 कमरे हैं. करीब 12 गर्ल्स स्टूडेंट्स यहां रहती है. निशा के सुसाइड करने से सभी छात्राएं सदमे में हैं.
बेटी में नहीं था कोई तनाव- पिता
वहीं, मृतक लड़की के पिता ने बताया कि बेटी का नीट के लिए 2023 में कोटा के अंदर दाखिला करवाया था. समय-समय पर वह अपनी बेटी से बात करते थे. बेटी से मिलने के लिए भी कोटा जाया करते थे. बेटी के अंदर किसी भी तरीके का तनाव नहीं था. बस उसके सिर में हमें दर्द होता था. इसके साथ पीड़ित पिता ने कहा कि बेटी ने किन कारणों से आत्महत्या की है? अभी इसका पता नहीं चल पाया है. पीड़ित पिता का कहना है वह दीपावली को घर भी आई थी. 18 तारीख को वापस कोटा भेजा था. पढ़ने में वह बहुत होशियार थी. उसने खुद नीट की तैयारी करने के लिए कोटा में एडमिशन करने की जिद की थी. बेटी की मर्जी से ही उसका कोटा में नीट के लिए दाखिला दिलवाया था.