REPORT TIMES
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आए हैं उसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों खेमों में खलबली जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. सूत्र यह भी कह रहे हैं कि दोनों पार्टियों ने बागी निर्दलीय और अन्य दलों को साधने के अंदर खाने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं. इस बीच पूर्वी राजस्थान में मजबूत पकड़ रखने वाली बसपा पार्टी का बड़ा रिएक्शन सामने आया है. राजस्थान के बसपा अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने दावा किया है कि राजस्थान में जिस तरह पार्टी ने चुनाव लड़ा है उसे देखते हुए करीब आधा दर्जन सीटों पर बसपा जीतकर आएगी. बसपा ने साफ कर दिया है कि पार्टी सुप्रीमो मायावती लगातार ये कहती हुई नजर आई हैं कि लगातार बसपा ने दो बार कांग्रेस को समर्थन देने का काम किया है. 2008 की बात हो या फिर 2018 की दोनों बार बसपा ने कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन दोनों बार कांग्रेस ने बसपा के विधायकों को तोड़ने और खरीदने का काम किया.
सरकार में शामिल होने पर रहेगा बसपा का फोकस
भगवान सिंह के मुताबिक, पार्टी सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है कि इस बार जो भी विधायक जीतकर आएंगे उनका समर्थन किसी भी पार्टी को बिना शर्त के नहीं दिया जाएगा. जीते हुए विधायकों को मंत्री बनवाया जाएगा और समर्थन भी उसी पार्टी को दिया जाएगा जो सत्ता में बसपा के विधायकों को शामिल करेगी. बसपा अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए राजस्थान से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी है. इसकी बड़ी वजह पिछली बार का विधानसभा चुनाव है. उसने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बाद में उसके विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिससे मायावती को बड़ा झटका लगा था. 2018 के विधानसभा चुनावों में बसपा ने 200 में से 190 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 4.03 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था. ये कांग्रेस और बीजेपी के बाद तीसरा सबसे बड़ा वोट शेयर था.
आकाश आनंद के हाथ में थी राजस्थान की कमान
इस बार बसपा ने राजस्थान में पार्टी का माहौल बनाने के लिए मायावती के भतीजे आकाश आनंद को कमान सौंपी थी. पार्टी का फोकस अपने वोटबैंक पर रहा है. राजस्थान में साल 2013 में बसपा ने 195 सीटों पर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने केवल तीन सीटें जीतीं थीं और 182 पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. हालांकि पार्टी को 3.48 फीसदी वोट मिले थे. अगर 2008 की बात करें तो बसपा ने 199 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह सीटें अपने नाम की थीं. उसे 7.66 फीसदी वोट मिले थे.