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राजस्थान में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बढ़ता जा रहा है. वसुंधरा राजे गुट को ऐसा लगता है कि बीजेपी आलाकमान एक बार फिर वसुंधरा की ताजपोशी कर सकती है लेकिन बाबा बालकनाथ के दिल्ली बुलाए जाने के बाद से राजस्थान में लिखी जा रही इस नई कहानी में ट्विस्ट आ गया है. दिल्ली में बढ़ी हलचल को देखते हुए वसुंधरा राजे भी एक्टिव हो गई हैं. करीब 30 से अधिक विधायक वसुंधरा राजे से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. ऐसे में चर्चा है कि राजे अब आलाकमान को अपनी ताकत का ऐहसास कराना चाहती है और बताना चाहती है कि वो ही राजस्थान की असली ‘महारानी’ हैं. वसुंधरा के घर पर जिस तरह से एक के बाद एक विधायक पहुंच रहे हैं और मीडिया से बात कर वसुंधरा राजे को सीएम बनाने की बात कर रहे हैं, उससे साफ जाहिर है कि वसुंधरा राजे अपने आगे किसी को भी सीएम बनता नहीं देखना चाहती हैं. बात चाहे बीजेपी के विधायक गोपीचंद मीणा की हो या फिर विधायक बहादुर सिंह कोली की, हर कोई यही कह रहा है कि वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल में राजस्थान के लिए बेहतर काम किया था. आलाकमान चाहे जिसे भी मुख्यमंत्री बनाए हम पार्टी के हर फैसले के साथ हैं.
वसुंधरा राजे से मिलने पहुंचे ये विधायक
राजस्थान में जीत दर्ज कराने वाले विधायकों ने देर शाम सिविल लाइंस में राजे के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिलने के लिए उनके आवास पर उनके करीबी विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के अलावा दूसरे भी कई नेता पहुंचे हैं. इनमें किशनगंज विधायक ललित मीणा, डग से जीते कालूलाल मीणा, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, गुढ़ामलानी विधायक के के विश्नोई, अंता विधायक कंवरलाल मीणा, मनोहरपुर थाना विधायक गोविन्द रानीपुरीया, बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, बारां विधायक राधेश्याम बैरवा, पुष्कर विधायक सुरेश रावत और बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा के साथ कई और विधायक भी पहुंचे हैं.
बीजेपी हाईकमान के फैसले पर सबकी नजर
राजस्थान में सीएम पद को लेकर चर्चा जोरों पर है. अभी तक इस रेस में सात से आठ लोगों को नाम सामने आ चुके हैं. हालांकि इस रेस में सबसे आगे वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ का नाम चल रहा है. बता दें कि इस बार का विधानसभा चुनाव पार्टी ने किसी सीएम चेहरे के बिना ही लड़ा था. ऐसे में अब विधायक दल की बैठक के बाद ही किसी नाम पर मोहर लग सकेगी. माना जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान इस बार कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकता है.