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महुआ मोइत्रा की सफाई पर सोनिया की ताली, राहुल गांधी की चुप्पी

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‘कैश और गिफ्ट के बदले’ सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का सांसद पद खारिज कर दिया गया. इस दिन लोकसभा में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई. कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा पर रिश्वत के बदले संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा. आचार समिति की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी सुझाव दिया गया. आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद महुआ मोइत्रा को सांसद पद से बर्खास्त कर दिया. महुआ मोइत्रा को सांसद से निलंबित किए जाने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ संसद की कार्यवाही का वाकआउट किया. विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा से बहिर्गमन किया. विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि सदन ने ‘अनैतिक आचरण’ के लिए महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए मतदान किया. सदन में महुआ मोइत्रा को बोलने का अवसर नहीं दिया गया. बाद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और क्रियाक्लाप पर सवाल उठाया. इस अवसर पर सोनिया गांधी ताली बजाती दिखाई दीं, लेकिन राहुल गांधी ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है. दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने कहा कि आधे घंटे के अंदर बिना बोलने का अवसर दिए बिना ही और बिना महुआ मोइत्रा को भी बोलने का अवसर नहीं दिया गया. राजनीतिक प्रतिशोध पूर्ति करने के लिए एक महिला को जिस तरह से अपमानित किया गया. गणतंत्र की हत्या की गई है. पार्टी उनके साथ है और रहेगी. यह पूरी तरह से प्रतिशोधात्मक कार्रवाई है. इसने इंडिया गठबंधन को एकजुट किया है.

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महुआ के साथ खड़ी हुईं सोनिया गांधी

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महुआ मोइत्रा के निलंबन के मुद्दे पर टीएमसी का कहा है कि टीएमसी सांसद के निलंबन ने फिर से इंडिया गठबंधन को एकजुट किया है और सोनिया गांधी सहित विपक्षी नेता उनके साथ खड़े हो गये हैं, लेकिन जिस तरह से विभिन्न मुद्दों पर इंडिया गठबंधन बंटा हुआ है. यह समय ही बताएगा कि टीएमसी सहित अन्य घटक दल लोकसभा चुनाव के पहले कितने इकट्ठे रह पाते हैं. दूसरी ओर, निलंबन के फैसले के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह 49 साल की हैं. वह अगले 30 साल तक संसद के अंदर, संसद के बाहर लड़ती रहेंगी. उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा वाकई ऐतिहासिक रही है. यह एक ऐसा सदन है, जिसने महिला आरक्षण पुनर्निर्धारण विधेयक को पारित होते देखा है, लेकिन इसने 78 महिला सांसदों में से एक को शिकार भी बनाया. उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि आचार समिति, जिसे सदस्यों के लिए नैतिक दिशा-निर्देश के रूप में स्थापित किया गया था. इसके बजाय आज इसका दुरुपयोग वह करने के लिए किया जा रहा है जो इसे कभी नहीं करना था.

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तृणमूल कांग्रेस ने कहा-इंडिया गठबंधन हुआ मजबूत

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बता दें कि टीएमसी ने महुआ मोइत्रा का समर्थन किया है और तृणमूल कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा की सदस्यता खारिज करने का विरोध करते हुए उसे अनैतिक करार दिया. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने महुआ मोइत्रा के निलंबन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह काम संसदीय नियमों को तोड़कर किया गया है. नियमों को तोड़कर यह फैसला लिया गया. इससे बीजेपी को क्या मिला? कितने महीने बचे हैं? जिन्होंने यह काम किया है, वो आज नहीं जीतेंगे. बीजेपी हारेगी. कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र से महुआ फिर भारी मतों से जीत हासिल करेंगी. महुआ के निष्कासन के बाद सोनिया समेत बीजेपी के विपक्षी नेता खड़े हो गये. तृणमूल का विरोध एक बार फिर इंडिया गठबंधन के लिए कांटा बन गया.

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महुआ के मुद्दे पर बीजेपी का ममता पर निशाना

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वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने महुआ मोइत्रा के निलंबन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महुआ मोइत्रा संसद में अभद्रता का चेहरा बन गई थीं. संस्था की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए उनका निष्कासन आसन्न था, लेकिन यह ममता बनर्जी का संरक्षण और अपराधी सांसद के लिए चयनात्मक समर्थन है जिस पर सवाल उठाया जाना चाहिए. राज्य सीआईडी उसकी जासूसी कर रही थी, इसलिए उसे महुआ मोइत्रा की हर बात के बारे में पता था. उन्होंने कहा कि क्या उन्होंने जानबूझकर सांसद को कॉर्पोरेट घरानों पर प्रभाव डालने के लिए संसद की संस्था को कमजोर करने की अनुमति दी? बंगाल के गरीबों को क्या मिला? उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को महुआ मोइत्रा को टीएमसी से बर्खास्त करना चाहिए, ऐसा न करने पर यह स्पष्ट होगा कि वह उनके इशारे पर काम कर रही हैं. वैसे भी, टीएमसी में ममता बनर्जी की सहमति और सक्रिय मिलीभगत के बिना कुछ भी नहीं चलता है.

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