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क्या कर्ज तले दबा है राजस्थान? जानें सरकारी खजाने को खाली करने के आरोपों का सच

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राजस्थान में अब बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बन गई है, मगर नई बीजेपी की सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट वित्त का बन गया है. राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार ने जिस तरह से जनता को फ्री योजनाओं को लागू करने में पानी की तरह पैसा बहाया और सरकारी खजाने को पूरा खाली कर दिया यह अब बीजेपी की नई सरकार के लिए बड़ा संकट बन गया है. बताया जा रहा है कि खाली खजाने के साथ ही पुरानी पिछली कांग्रेस सरकार ने बीजेपी की नई सरकार को प्रदेश के ऊपर 5 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज भी छोड़ा है. वहीं अब नई सरकार बनने के बाद वित्त विभाग के अफसरों ने राजस्थान के सरकारी खजाने को किस तरह लूटा इसका खुलासा अब हो रहा है. जानकारी के अनुसार, सरकारी दफ्तरों के रोजमर्रा के खर्चों के 300 करोड़ के बिल बकाया चल रहे हैं. हालात ये हैं कि सरकारी अस्पताल से लेकर पानी सप्लाई करने वाले पंप हाउसों के बिजली कनेक्शन काटने की नौबत आ गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा पिछली कांग्रेस सरकार ने राजस्थान के सरकारी खजाने को जमकर लूटा है. वहीं वित्त विभाग के अधिकारियों ने जिस तरह से आरबीआई के नोटिस को सामने नहीं आने दिया और नजरअंदाज किया ऐसे अधिकारियों पर वर्तमान बीजेपी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राजस्थान की अर्थव्यवस्था न सिर्फ सुधरी है बल्कि मजबूत हुई है. जो लोग कर्ज की बात पर सवाल उठाते हैं उन्हें ये जानकारी भी होनी चाहिए कि राजस्थान की जीडीपी ग्रोथ 11.04 है, जो केंद्र सरकार की जीडीपी ग्रोथ से अधिक है. वो पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है. कोरोना काल मे कोई भूखा न सोए इस तर्ज पर हमने काम किया था. केंद्र सरकार के असहयोग के बावजूद भी हमने जनहित की कई योजनाओं पर काम किया और जनता को लाभान्वित किया.

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राजस्थान पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ा

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आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार ने अप्रैल 2023 से लेकर अगस्त 2023 तक 12288 करोड़ रुपए कर्ज ले लिया था. जिसके बाद कुल कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ रुपए हो गया. केवल चुनावी साल में ही राजस्थान पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ा है. एक साल पहले यह 4,58,089 करोड़ रुपए था. पंजाब के बाद राजस्थान देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा राज्य है. राजस्थान में केवल एक साल की अवधि में कर्ज में 18 से 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. इस पूरे मामले में सरकारी तंत्र और वित्त विभाग ने आरबीआई के बार-बार दिए गए नोटिस और रिमाइंडर को नजरअंदाज किया, जिसका सीधा आरोप अब वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा पर लग रहे हैं.

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बीजेपी की नई सरकार अपना काम कैसे करेगी?

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अब सवाल यह उठाता है कि कर्ज के इतने बड़े बोझ के बाद बीजेपी की नई सरकार अपना काम कैसे करेगी? क्योंकि नई सरकार पर पुरानी योजनाओं को चलाने का प्रेशर रहता है. यदि सारी योजनाएं जारी रहीं तो कर्ज का बोझ कम करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है. वहीं, चुनाव के दौरान बीजेपी ने भी जनता से कई चुनावी वादे किए, जिन्हें पूरा करने के लिए भी राज्य सरकार को बड़े फंड की आवश्यकता होगी.

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