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राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने अपने कैबिनेट का विस्तार कर दिया है. कैबिनेट विस्तार में उन तीन भगवाधारियों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. बाबा बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी, बालमुकुंद आचार्य तीनों ही बाबाओं को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है. राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद यूपी में योगी आदित्यनाथ के तर्ज पर बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की जाने की चर्चा खूब जोर पकड़ी थी. हालांकि, बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया था, लेकिन उससे भी बड़ी हैरानी तो आज यानी 30 दिसंबर को हुए कैबिनेट विस्तार के दौरान देखने को मिली. बाबा बालकनाथ को सीएम तो दूर की बात है उन्हें कैबिनेट में भी शामिल नहीं किया गया है. यही हाल महंत प्रतापपुरी, बालमुकुंद आचार्य का भी हुआ है. इन तीनों नेताओं की गिनती राज्य में हिंदूवादी नेताओं के रूप में होती है. बाबा बालकनाथ नाथ संप्रदाय के आठवें मुख्य महंत हैं.
इमरान खान को दी करारी शिकस्त
विधानसभा चुनाव में कदम रखने से पहले बाबा बालकनाथ सांसद थे. 2019 के आम चुनाव में उन्होंने अलवर सीट पर भंवर जितेंद्र सिंह को मात देते हुए जीत हासिल की थी. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें तिजारा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. बाबा बालकनाथ पार्टी की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरे उतरे और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान खान को करारी शिकस्त देते हुए जीत हासिल की.
बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में होती है गिनती
राजस्थान में बाबा बालकनाथ की गिनती बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में होती है. समय-समय पर वो अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं. हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि कैबिनेट में इन नेताओं के शामिल होने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं. 22 नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण लेने के बाद भजनलाल मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या 25 पहुंच गई है, लेकिन पांच सीट को अभी खाली रखा गया है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में कुछ चेहरों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन वो चेहरे कौन-कौन होंगे यह तो समय ही बताएगा.
भजनलाल मंत्रिमंडल में कुल 25 मंत्री
राजस्थान में सीएम भजनलाल और दोनों डिप्टी सीएम को मिला दिया जाए तो 25 में से 20 पहली बार मंत्री बने हैं. शनिवार को जिन 22 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की उनमें से 16 पहली बाल मंत्री बने हैं. इनमें 12 नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है जबकि पांच को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और पांच को राज्य मंत्री बनाया गया.