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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में हलचल बढ़ गया है. लगभग 550 वर्ष अयोध्या में राम जन्म भूमि स्थल पर निर्माणाधीन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह कुल सात दिनों तक चलेगा. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू होगा और 22 जनवरी, 2024 को संपन्न होगा.सात दिन तक चलने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरूआत 16 जनवरी को शुरू होगी और 22 जनवरी, 2024 की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होगा. यह अनुष्ठान संजीवनी मुहूर्त में 84 सेकेंड में पूरा किया जाएगा. ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक संजीवनी मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान से ग्रह बाधा नहीं आती है.नवनिर्मित अयोध्या राम मंदिर में रामलला बाल स्वरूप में विराजेंगे,
जहां प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान शास्त्रीय और वैदिक संस्कृति और परंपराओं के अनुसार अनुष्ठान किए जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी रामलला विग्रह की आंखों में काजल और भाल पर तिलक के बाद उन्हें दर्पण दिखाएंगे और फिर महाआरती के साथ मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होगा. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पहले दिन 16 जनवरी को राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी क तट पर दशविध स्नान और पूजन और गोदान किया जाएगा. दूसरे दिन 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति के साथ अयोध्या नगर में एक भव्य शोभा यात्रा निकलेगी, जो पूरे अयोध्या में भ्रमण करेगी.वहीं, 19 जनवरी को अग्निस्तान (अरणीय मंथन) द्वारा अग्नि प्राकट्य, नवग्रह स्थापर और हवन होगा, जबकि 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे.21 जनवरी को रामलला के दिव्य स्नान के बाद उन्हें सुनहरे पलंग पर बच्चों की तरह सुलाया जाएगा और 22 जनवरी की सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्म काल में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महापूजा होगी.