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बिहार के मुजफ्फरपुर में डंडे से वकील की आंख फोड़ने का मामला अब मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है. आगे की जांच को मानवाधिकार आयोग ने अपने हाथ में लिया है. वहीं पुलिस विभाग ने दोषी सिपाही को फिलहाल सस्पेंड किया है. फिलहाल पीड़ित वकील के आवेदन पर मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में जांच शुरू की है. मानवाधिकार अधिवक्ता यह पूरा प्रकरण मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का है. जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर में वकील पंकज कुमार अपनी गाड़ी से जा रहे थे. उसी दौरान वाहनों की चेकिंग चल रही थी. वकील पंकज कुमार की गाड़ी भी रोकी गई, इसी दौरान उनकी एक पुलिसकर्मी से बहस हो गई. बहस के दौरान ही पुलिसकर्मी ने वकील पंकज के ऊपर डंडे से वार कर दिया. इससे पंकज की आंख में तेज चोट लग गई. जब उन्होंने आंख का इलाज कराया तो पता चला कि आंखों की रोशनी चली गई है. इसके बाद यह मामला और तूल पकड़ने लगा.
आंख की रोशनी चली जाने से परेशान वकील पंकज ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस के झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग पटना में याचिका दायर की है. अधिवक्ता एस के झा ने बताया है कि पूरा प्रकरण अतिगंभीर श्रेणी में मानवाधिकारों का उल्लंघन है. इसलिए विभाग अब इस मामले में जांच करेगा. उन्होंने आयोग से पूरे प्रकरण में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
7 फरवरी को अधिवक्ता पंकज कुमार पटना से मुजफ्फरपुर के लिए लौट रहे थे, उसी वक्त पावर हाउस चौक पर काजी मोहम्मदपुर थाने के पुलिसकर्मी वाहन जांच के लिए खड़े थे. पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी गाड़ी को रोका गया था. अधिवक्ता पंकज ने आरोप लगाया कि गाड़ी रोककर उनसे पूछा गया कि कहां से आ रहे हो? जब तक पंकज इस बात का जवाब देते उन पर वहां मौजूद सिपाही रोहित कुमार ने उन पर डंडे से हमला कर दिया. इससे उनकी आंख में गंभीर चोट लग गई और खून आने लगा. इससे उनकी आंख की रोशनी चली गई है. उनका इलाज फिलहाल शंकर नेत्रालय कोलकाता में चल रहा है.