REPORT TIMES
भारत ने आज मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण डीआरडीओ की ओर से किया गया. डीआरडीओ ने इसे मिशन दिव्यास्त्र नाम दिया है. इस परीक्षण के बाद भारत एक सिंगल मिसाइल को अलग-अलग वारहेड और अलग-अलग लोकेशन पर इस्तेमाल कर सकता है. भारत की इस बड़ी कामयाबी पर पीएम मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, कि मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला परीक्षण सफल हो गया है. बता दें कि अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण सफल होने के बाद अब पूरा पाकिस्तान औऱ चीन की राजधानी बीजिंग भी भारत की जद में आ गया है. भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, मिशन दिव्यास्त्र परियोजना की निदेशक एक महिला हैं और इसमें महिला वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान बताया जा रहा है. मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. यह मिशन स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर सुरक्षा उपकरणों से लैस है.
अग्नि-5 सीरीज में सबसे ताकतवर मिसाइल
भारत के पास फिलहाल अग्नि सीरीज की 1 से 5 तक मिसाइलें हैं. इनमें कुछ कम रेंज की हैं तो किसी की अच्छी खासी रेंज है, लेकिन अग्नि-5 सबसे पॉवरफुल मिसाइल है. अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 3500-5000 किमी है. मतलब यह इतनी दूर बैठे दुश्मनों को कुछ ही सेकंड में तबाह कर सकता है. डीआरडीओ इन मिसाइलों को लेटेस्ट तकनीकों से अपग्रेड भी कर रहा है ताकि समय आने पर दुश्मनों को माकूल जवाब दिया जा सके.