राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ। हंगामेदार शुरूआत के बाद करीब 45 मिनट में ही सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने सदन में जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस साल का पहला सत्र का कारण बताते हुए राज्यपाल का अभिभाषण न होने पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा के बाद अब यहां भी हमारा माइक बंद किया जा रहा है।
हंगामेदार रहा विधानसभा का पहला दिन
16वीं विधानसभा के इस दूसरे सत्र में विपक्षी दल के नेताओं ने सदन में जमकर नारेबाजी की और स्पीकर से ‘प्लास्टिक मुक्त राजस्थान’ की जगह ‘संविधान बचाने’ की शपथ दिलाने की मांग की। दूसरे सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण न होने पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए और इसे संविधान को चैलेंज करना करार दिया था। जिस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने जवाब देते हुए कहा कि दूसरे सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण जरूरी नहीं है। यह जवाब सुनकर विपक्षी दलों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण की रखी मांग
विपक्ष ने इस साल का पहला सत्र होने पर राज्यपाल के अभिभाषण की मांग की। लेकिन सत्ता पक्ष ने दूसरा सत्र का हवाला देते हुए अभिभाषण करवाने से इनकार कर दिया। विपक्ष ने अनुच्छेद 176(1) के तहत राज्य पाल का अभिभाषण की मांग रखी। जिसमें लिखा है कि ‘प्रथम सत्र के आरम्भ में तथा प्रत्येक कलैण्डर वर्ष के प्रथम सत्र के आरम्भ में राज्यपाल महोदय विधानसभा को संबोधित करेंगे।’
इन मुद्दों पर बनी सहमति
बता दें कि विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और राज्य सरकार द्वारा आचार संहिता के बावजूद कम समय में किए गए जनहित के बड़े फैसलों और कार्यों का सदन में पुरजोर तरीके से उल्लेख करने पर सहमति बनी है।