सांचौर जिले को बनाए रखने के लिए जिला कलेक्ट्रेट के बाहर सातवें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से सांचौर जिले के अस्तित्व को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं. बिश्नोई ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा घोषितत किए गए नए जिलों की दोबारा समीक्षा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसके बाद सांचौर जिले को खत्म किए जाने और इसके सीमाओं में बदलाव की बातें सामने आ रही हैं.
अधिकारी को हटाया जा रहा
जिले के अधिकारियों को एक-एक कर हटाया जा रहा है. जिससे साफ होता है कि सरकार का उद्देश्य इस जिले को समाप्त करना है. सांचौर को जिला बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से उठ रही थी. जिला मुख्यालय जालोर से सांचौर की दूरी 154 किलोमीटर है, जिससे जनता को अपने कामकाजी मामलों के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन सांचौर के जिला बनने के बाद से स्थानीय प्रशासनिक सुविधाएं मिलने लगीं और अब जनता को जालोर जाने की आवश्यकता नहीं है, जिससे समय और पैसे की बचत हो रही है.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर वकील
जिले को खत्म न करने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन ने भी अपनी आवाज उठाई है. 25 सितंबर से अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल पर उतरे जिला बार एसोसिएशन सांचौर के सभी अधिवक्ताओं ने एक बैठक आयोजित की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक राज्य सरकार द्वारा सांचौर जिले को यथावत रखने की आधिकारिक घोषणा नहीं की जाती, तब तक कोर्ट में वकील उपस्थित नहीं होंगे और अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल जारी रखेंगे. अधिवक्ताओं ने हाथों में तख्तियां उठाकर जिले को यथावत रखने की मांग की और प्रशासन से इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की.