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कौन है उत्कर्ष कोचिंग के मालिक निर्मल गहलोत जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में दिया था 1 करोड़ का दान

जयपुर। रिपोर्ट टाइम्स।

राजस्थान का एक बड़ा कोचिंग सेंटर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है जहां बीते दिनों राजधानी जयपुर में छात्रों के चलते क्लासरूम में बेहोश होने के बाद अब गुरुवार को कोचिंग संस्थान के अलग-अलग शहरों में बने सेंटर में इनकम टैक्स की रेड सुर्खियों में छाई हुई है.

हम बात कर रहे हैं उत्कर्ष कोचिंग संस्थान जहां आयकर विभाग ने गुरुवार 2 जनवरी की सुबह छापा मारा. कोचिंग संस्थान के मुख्यालय जोधपुर के अलावा जयपुर, दिल्ली सहित देश के कई शहरों की ब्रांचों पर रेड हुई. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग को संस्थान से बड़े स्तर पर टैक्स चोरी की शिकायतें मिली थी जिसके बाद टीम ने छापा मारा.

मालूम हो कि इससे पहले हाल में उत्कर्ष कोचिंग के जयपुर केंद्र स्थित महेश नगर के सेंटर में चलती क्लास में कई छात्र-छात्राएं जोर-जोर से खांसने के बाद बेहोश हो गए थे जिस पर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि इस कांड की जांच के बाद भी ये नहीं पता चला कि छात्र क्यों बेहोश हुए थे. बता दें कि इस कोचिंग संस्थान के मालिक निर्मल गहलोत हैं जो लगातार सामाजिक कार्यक्रमों और कई अन्य शैक्षणिक एक्टिविटी में लगातार बने रहते हैं. आइए जानते हैं कौन है निर्मल गहलोत?

दिल्ली में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने से शुरू हुआ सफर

बता दें कि उत्कर्ष के फाउंडर निर्मल गहलोत का जन्म 15 अगस्त 1978 को राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ था. इनके पिता एक सरकारी अध्यापक थे लेकिन निर्मल जब 11वीं कक्षा में थे तो उनके पिता की नौकरी चली गई जिसके बाद आर्थिक तंगी के माहौल में उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की.

इसके बाद निर्मल खुद मास्टर बनने दिल्ली चले गए और अपना खर्चा चलाने के लिए वहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे.  बताते हैं कि बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान ही उन्हें इसे बड़े स्केल पर करने का विचार आया और इसी विचार ने एक दिन उत्कर्ष क्लासेज की नींव डाली. जब उत्कर्ष क्लासेज की नींव डल रही थी तो दूसरी ओर इंटरनेट का बूम भी तेजी से परवान चढ़ रहा था ऐसे में पढ़ाई इंटरनेट से जुड़ने लगी.

अपने शुरूआती दिनों में निर्मल गहलोत ने वीडियो से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और धीरे-धीरे लोग उन्हें पसंद करने लगे जिसके बाद ये ऑनलाइन मॉडल ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में बदला और आज उत्कर्ष क्लासेज 50 लाख से ज्यादा बच्चों को पढ़ाता है और भारत के एक प्रचलित कोचिंग इंस्टीट्यूट के रूप में जगह बना चुका है.

2002 में हुई कोचिंग की स्थापना

बता दें कि 2002 में जब निर्मल गहलोत दिल्ली में सरकारी नौकरी की तैयारी करते थे तो उसी दौरान उन्होंने लोन लेकर एक छोटे से कमरे में कुछ छात्रों के साथ उत्कर्ष क्लासेज की शुरुआत की. अपने शुरूआती दिनों में उत्कर्ष क्लासेज केवल RAS तैयारी करवाता था हालांकि बाद में कई परीक्षाएं जुड़ती रही.

वहीं खुद निर्मल गहलोत लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और कोरोना महामारी के दौरान सरकारी चंदा देना और जोधपुर में कई सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए वो लगातार सक्रिय रहते हैं.वहीं पिछले साल अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे भारत में जब निधि समर्पण अभियान चलाया गया था तो मंदिर निर्माण के लिए सबसे ज्यादा राशि जोधपुर से आई थी जहां मंदिर निर्माण के लिए जोधपुर ने राजस्थान से सबसे ज्यादा 214 करोड़ रुपये दान किए थे इसमें से समाजसेवी के तौर पर निर्मल गहलोत ने एक करोड़ की राशि दान की थी.

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