दिल्ली। रिपोर्ट टाइम्स।
दिल्ली के चुनावी रण में 7 दलबदलू ऐसे हैं, जो चुनाव से पहले पाला बदलने के बावजूद जीत की ओर बढ़ रहे हैं. चुनाव के परिणाम में इन्हें दिल्ली का असल मौसम वैज्ञानिक कहा जा रहा है. दिलचस्प बात है कि ये दलबदलू आम आदमी और भारतीय जनता पार्टी दोनों के सिंबल पर जीतते नजर आ रहे हैं.
वहीं दलबदलुओं का ज्यादा दबदबा मुस्लिम और आउटर दिल्ली की सीटों पर ही देखा जा रहा है. इनमें से 2 दलबदलू तो ऐसे हैं, जो पहले भी दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
अनिल झा
बिहार के मधुबनी जिले के मूल निवासी अनिल झा किरारी की राजनीति करते रहे हैं. किरारी से 2008, 2013, 2015 और 2020 के चुनाव में अनिल को बीजेपी ने टिकट दिया था. 2008 और 2013 में तो अनिल को जीत मिली, लेकिन 2015 और 2020 में वे यहां से हार गए.
2025 के चुनाव में अनिल झा के बीजेपी से उतरने की खबर थी, लेकिन अनिल ने पाला बदल लिया. अनिल आप के सिंबल पर किरारी सीट से उतर गए. बीजेपी ने अनिल के आप में जाने के बाद बजरंग शुक्ला को मैदान में उतारा. कांग्रेस के सिंबल पर यहां राजेश गुप्ता मैदान में थे. अनिल बड़ी बढ़त की तरफ बढ़ रहे हैं.
कैलाश गहलोत
अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत को आप में एक वक्त मुख्यमंत्री पद का बड़ा दावेदार माना जाता था, लेकिन आतिशी के सीएम घोषित होने के बाद ही कैलाश गहलोत साइड लाइन हो गए. चुनाव से पहले कैलाश गहलोत ने पाला बदल लिया.
इतना ही नहीं, चुनाव में कैलाश ने अपनी सीट भी बदल ली. कैलाश नजफगढ़ की बजाय बिजवासन सीट से इस बार मैदान में उतरे. आप ने कैलाश के सामने सुरेंद्र भारद्वाज को उतारा है. कांग्रेस के सिंबल पर देवेंद्र शेहरावत मैदान में हैं.
नीरज बसोया
कस्तूरबा नगर सीट से प्रत्याशी नीरज बसोया दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में थे. बसोया चुनाव से ठीक पहले पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए. बसोया को बीजेपी ने कस्तूरबा नगर से प्रत्याशी बनाया. कस्तूरबा नगर सीट आप का गढ़ माना जाता था.
कस्तूरबा नगर सीट पर आम आदमी पार्टी इस बार तीसरे नंबर पर है. बसोया का सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त से हुआ. बसोया की जीत फाइनल हो गई है.
अरविंदर सिंह लवली
कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अरविंदर सिंह लवली भी 6 महीने पहले ही बीजेपी में शामिल हुए. लवली को बीजेपी ने गांधी नगर सीट से प्रत्याशी बनाया था. लवली का मुकाबला गांधी नगर सीट पर आप के नवीन चौधरी से था. कांग्रेस ने यहां कमल अरोड़ा को मैदान में उतारा था.
लवली ने गांधी नगर सीट पर निर्णायक बढ़त बना ली है. यहां पर आप उम्मीदवार काफी पीछे चल रहे हैं.
करतार सिंह तंवर
छत्तरपुर के विधायक करतार सिंह तंवर ने चुनाव से पहले झाड़ू छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. चुनाव में करतार को बीजेपी छत्तरपुर से टिकट भी दिया. आप के सिंबल पर यहां ब्रह्म सिंह तंवर मैदान में थे. कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह तंवर को यहां से टिकट दिया था. तंवर की बढ़त काफी ज्यादा है. यहां अब इनके पिछड़ने की गुंजाइश कम ही है.
चौधरी जुबेर
दिल्ली के कद्दावर नेता चौधरी मतीन अपने बेटे के साथ चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ आप में आ गए थे. आप ने मतीन के बेटे जुबेर को सीलमपुर से उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी से अनिल शर्मा और कांग्रेस से अब्दुल रहमान यहां से चुनाव लड़ रहे थे. जुबेर ने सीलमपुर में निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है.
राज कुमार चौहान
राज कुमार चौहान भी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए थे. चौहान को बीजेपी ने मंगोलपुरी सीट से उम्मीदवार बनाया था. यहां से पहले राखी बिड़लान विधायक थी, लेकिन चुनाव में आप ने उनका टिकट बदल दिया था. यहां पर चौहान को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है.