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गौ भक्तों की संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

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गौ भक्तों की संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न
झुंझुनू जिला गौ सेवा समिति के तत्वाधान में झुंझुनू में गौ भक्तों के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन आज दिनांक 9 जुलाई 2022 शनिवार सायंकाल 7:00 बजे चूना का चौक राणी सती रोड स्थित आशीर्वाद पैलेस पर किया गया।
जानकारी देते हुए समिति अध्यक्ष ताराचंद गुप्ता भौडकीवाला, सचिव सुभाष क्यामसरिया एवं कोषाध्यक्ष पवन गाडिय़ा ने बताया कि संगोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रचारक आरएसएस एवं अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल अग्रवाल द्वारा गौ सेवा के क्षेत्र में किस प्रकार हम गोवंश का संरक्षण संवर्धन कर सकते हैं एवं गाय के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया किस प्रकार गाय का दूध, घी, गोबर, गोमूत्र से हम अपनी समस्त प्रकार की शारीरिक बीमारियों को दूर कर सकते हैं।
इस अवसर पर श्री गोपाल गौशाला के अध्यक्ष प्रमोद खंडेलिया एवं सचिव नेमी अग्रवाल सहित पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने शंकर लाल जी अग्रवाल का साफा एवं दुपट्टा उड़ा कर गौ माता का प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया इसी श्रंखला में श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था की ओर से डॉक्टर डीएन तुलस्यान सहित अन्य ट्रस्टियों ने गणेश जी महाराज का प्रतीक चिन्ह उन्हें भेंट किया।
सभी आगंतुकों का धन्यवाद जिला गौ सेवा समिति के सचिव सुभाष क्यामसरिया ने प्रकट किया।
मुख्य वक्ता अग्रवाल ने गाय का दूध, घी के साथ ही गोबर, गोमूत्र के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि गोमूत्र से कई आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती है, तो वहीं कीटनाशक के तौर पर भी फेनाइल तैयार करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, गोबर केवल खाद या रसोई गैस बनाने के लिए ही उपयोगी नहीं होता, बल्कि इससे भी पेपर, बैग, मैट से लेकर ईंट तक कई सारे प्रॉडक्ट बनाए जाते हैं। गाय का गोबर किसानों के लिए बड़े काम का है. खेतों में रासायनिक उर्वरक की जगह गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। उन्होंने गोबर और गोमूत्र के खेती-किसानी में काम आने के तरीके बताए हैं। गोमूत्र और गोबर से जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, संजीवक, नाडेफ कंपोस्ट आदि बनाया जा सकता है। किसान घर बैठे इसका कीटनाशक बनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.  गाय के गोबर से रसोई गैस संयंत्र भी लगाए जाते हैं. इस संयंत्र से तैयार गोबर गैस रसोई में काम आती है और एलपीजी का खर्चा बचता है। गाय के गोबर से गोअर्क, दंत मंजन, साबुन, सजावट के सामान, माला, चूडिय़ां और मोबाइल स्टीकर जैसे उत्पाद भी तैयार किए जाते रहे हैं.  गोबर से बनाए गए स्टीकर मोबाइल रेडिएशन का प्रभाव कम करते हैं। पायरिया और मुख रोगों के उपचार के लिए गोबर से दंत मंजन, गोअर्क भी तैयार किए जाते हैं। उन्होंने कुछ होम्योपैथिक दवाइयों के नाम भी बताएं जिससे बीमारियों में अच्छे से इलाज कारगर है।
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