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कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को पहली बैठक की और नई पार्टी के मिशन की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, राज्य के नागरिकों की भूमि और रोजगार के अधिकार की सुरक्षा और कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा इसमें महत्वपूर्ण है।
जम्मू के पास सैनिक कॉलोनी में एक सभा में आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक अपनी नई पार्टी के नाम का सुझाव देंगे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद का जम्मू हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद उन्हें जुलूस में सभा स्थल तक ले जाया गया।
आजाद के साथ मंच पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, कांग्रेस छोड़ने वाले कई पूर्व मंत्री, विधायक और पीडीपी विधायक सैयद बशीर, पूर्व विधायक शोएब नबी लोन उनके समर्थन में थे। आजाद ने उस समय कहा था कि उनकी नई पार्टी जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, नागरिकों के लिए भूमि और नौकरियों के अधिकार हासिल करने और कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करेगी।
आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से अपना पांच दशक का नाता तोड़ लिया था। कांग्रेस कंप्यूटर, ट्विटर से नहीं बनी है, बल्कि खून-पसीने से बनी है। हमने कांग्रेस पार्टी बनाई है। मुझे किसी की चिंता नहीं है। मैं घर से कंप्यूटर चलाने वाला नहीं हूं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे अपने व्यवहार के कारण आम लोगों से जुड़े हुए हैं।