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बॉम्बे HC से राहत के बाद भी मुश्किल में वानखेड़े, शाहरुख की मैनेजर करेगी विस्फोट

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 बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीबी मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की रिट पिटिशन पर शुक्रवार (19 मई) को सुनवाई करते हुए उन्हें 22 मई तक गिरफ्तारी से राहत दे दी है. कोर्ट ने वानखेड़े की याचिका पर सीबीआई से जवाब देने को कहा गया है. सीबीआई को सोमवार तक का समय दिया गया गया है. लेकिन आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में यह तत्काल राहत ही मानी जा सकती है. शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी इस मामले में मुख्य कड़ी है.पूजा ददलानी का स्टेटमेंट वानखेड़े के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है. अगर शाहरुख खान और समीर वानखेड़े के बीच लेन-देन की कोई बात हुई है, तो वो एक अहम गवाह है. कोर्ट से संरक्षण खत्म होने के बाद सीबीआई पूजा का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर सकती है.

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शाहरुख और वानखेड़े की चैट से तो सामने नहीं आ सकी रिश्वत मांगने की बात

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अपने रिट पिटिशन के साथ समीर वानखेड़े ने दो वाट्सअप चैट कोर्ट के सामने रखा. एक चैट आर्यन खान ड्रग्स मामले की जांच के वक्त एनसीबी के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह के साथ वानखेड़े के संवाद को लेकर है. दूसरा चैट वानखेड़े और शाहरुख खान के बीच का है. पहले चैट से समीर वानखेड़े यह दावा करना चाह रहे हैं कि वे पल-पल का अपडेट अपने सीनियर को दे रहे थे. वही सीनियर तब चुप थे, अब उन्हें टारगेट कर रहे हैं. दूसरे चैट के आधार पर वानखेड़े के वकील रिजवान मर्चेंट ने कोर्ट की सुनवाई के बाद यह कहा कि अगर आर्यन को छोड़ने के लिए रिश्वत की मांग की गई होती तो उस चैट में इसका जरूर जिक्र होता. शाहरुख वाट्सअप चैट में लगातार आर्यन खान को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे लेकिन उसमें रिश्वत की बात नहीं हुई.

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आर्यन ने भी वानखेड़े पर आरोप नहीं लगाया, CBI के पास यह मामला क्यों आया?

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वानखेड़़े के वकील ने कोर्ट की सुनवाई के बाद कहा कि आर्यन खान ने भी बेल लेते वक्त समीर वानखेड़े पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगाया. वानखेड़े ने भी कोर्ट से निकल कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें न्यायपालिका और सीबीआई पर पूरा विश्वास है. यानी साफ है कि समीर वानखेड़े अपने सीनियर अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह पर यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सीधे-सीधे इस केस में उन्हें टारगेट किया है. उनके वकील ने कहा कि एनसीबी के सीनियर अधिकारी ने नवाब मलिक के आरोप को आधार बनाकर विजिलेंस जांच की और समीर वानखेड़े को फंसा दिया. नवाब मलिक को वानखेड़े से इस बात की खुन्नस थी कि उन्होंने मलिक के दामाद को ड्रग्स के मामले में जेल पहुंचवाया. इन्हीं आधारों पर सीबीआई वानखेड़े की जांच कर रही है, जिसमें कोई तथ्य नहीं है. सीबीआई से उन्हें कोई शिकायत नहीं है, शिकायत एनसीबी के सीनियर अधिकारियों से है.

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पूजा जानती है राज, 25 करोड़ की मांग और 18 में डन हुई थी क्या बात?

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यानी यह मामला बेहद ही उलझा हुआ नजर आ रहा है. अब यह राज तो पूजा ददलानी ही खोल सकती है कि क्या समीर वानखेड़े की ओर से उनके सहयोगी के.पी.गोसावी ने या किसी और ने आर्यन खान को ड्रग्स मामले में छोड़ने के लिए 25 करोड़ की मांग की थी और फिर 18 करोड़ में डील फिक्स करने को समीर वानखेड़े की ओर से स्वीकृति दे दी गई थी? यह पूजा ही बता सकती है कि क्या उससे यह वाकई कहा गया था कि 18 करोड़ में से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को दिया जाना है, बाकी 10 करोड़ अन्य लोगों में बंटने थे? इस बात की गवाही जिस प्रभाकर सेल नाम के शख्स ने दी थी, उसकी बाद में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई. वह के.पी.गोसावी का बॉडीगार्ड रहा था. उसी ने यह रिश्वत मांगने की बात का खुलासा किया था. फिलहाल तो कोर्ट ने 22 मई तक वानखेड़े को गिरफ्तारी से राहत दे दी है. सीबीआई को सोमवार को कोर्ट को जवाब देना है. पर मामला यहां खत्म नहीं होता है. पूजा ददलानी का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा तो सच धीरे-धीरे सामने आएगा.

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