विस्तार हिंदुस्तान और संयुक्त अरब धनीात (यूएई) ने समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं जो कई प्रमुख हिंदुस्तानीय उत्पादों पर इनकमात शुल्क को कम करेगा. दोनों राष्ट्रों ने यह समझौता अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए किया है. 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से यह पहला प्रमुख कारोबारी समझौता है. इसके अनुसार मुख्य रूप से यूएई ने ज्वेलरीों पर और हिंदुस्तान ने सोने पर इनकमात शुल्क घटाया है. एडवरटाईजमेंट if(typeof is mobile !=undefined && is mobile()){ googletag.cmd.push(function() { googletag.display(div-gpt-ad-1514643645465-2); });}
यह समझौता पीएम मोदी और अबूधाबी के प्रिंस व यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के बीच हुई डिजिटल मीटिंग के बाद हुआ. समझौते पर हिंदुस्तान के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयव और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने हस्ताक्षर किए. मोदी और शेख मोहम्मद ने एक संयुक्त दृष्टि पत्र ‘हिंदुस्तान और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति: नए मोर्चे, नया मील का पत्थर’ जारी किया.
पीयूष गोयल ने इसे लेकर कहा कि पहली बार संयुक्त अरब धनीात ने हमारे निवेदन को स्वीकार किया है कि एक बार कोई हिंदुस्तानीय चिकित्सा उत्पाद यूनाइटेड किंगडम (यूके), अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्वीकार कर लिया जाता है, और इन राष्ट्रों की सख्त नियामक प्रक्रिया से गुजरता है, तो ऐसे उत्पादों को यूएई के मार्केट में पहुंच और 90 दिनों के समयबद्ध तरीके से विपणन के लिए विनियामक अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा.
इस विषय में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सीईपीए विस्तारित मार्केट बहुंच और कम शुल्क समेत दोनों राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के लिए खासा लाभकारी होगा. आशा है कि सीईपीए से अगले पांच वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ कर 100 अरब $ हो सकता है जो वर्तमान में 60 अरब $ है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह समझौता दोनों राष्ट्रों की मित्रता, साझा दृष्टिकोण और विश्वास को रेट्शाता है. इससे हमारे आर्थिक संबंधों में नया युग शुरू होगा.
गोयल ने कहा कि हिंदुस्तान के लिए यह सौदा रत्न व ज्वेलरी, टेक्सटाइल, चमड़ा, फुटवियर, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पादों, फार्मा व डॉक्टरीय उपकरणों, ऑटोमोबाइल्स और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में लाभदायक होगा. यह दोनों पक्षों के लिये व्यापार के व्यापक मौका खोलता है. समझौता हमारे द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने में सहायता करेगा. हिंदुस्तान ने यूएई को सोने के निर्यात में शुल्क में कमी की है और यूएई ने ज्वेलरीों पर शुल्क घटाया है.