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वन विभाग की ओर से हर साल वैशाख पूर्णिमा को वन्यजीवों गणना की जाती है। इस बार वैशाख पूर्णिमा सोमवार से वन्य जीव गणना शुरू की गई है। उप वन संरक्षक राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया कि कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ झुंझुनूं, खेतड़ी के बांसियाल व उदयपुरवाटी के मनसा माता क्षेत्र, जिले के तीनों वन क्षेत्रों में सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक 24 घंटे के दौरान वन्यजीवों की गणना की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहली बार जिले की वन्यजीव गणना में काले हिरण भी शामिल होंगे। गणना के लिए तीनों वन क्षेत्रों में 70 प्वॉइंट्स पर 150 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। वन्यजीवों पर निगरानी के लिए पहली बार तीनों वन क्षेत्रों में 18 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। इसे कैमरा ट्रेप भी कहते हैं। कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ में 10 वाटर हॉल हैं तथा तीन कैमरे लगाए गए हैं। मचान व्यवस्था भी की गई है।

वाटन हॉल परंपरा से वन्य जीव गणना
वन्य जीवों की गणना के लिए वाटर हॉल परंपरागत पद्धति है। ऐसा माना जाता है कि 24 घंटे के दौरान कम से कम एक बार पानी पीने के लिए जानवर इन वाटर हॉल्स पर जरूर आते हैं।
18 जगहों पर गणना
उदयपुवाटी इलाके में वन्यजीव गणना के लिए 18 केन्द्र बनाए गए हैं। सभी केंद्रों पर अलग-अलग वन्य अधिकारी व कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। वर्तमान में कदम कुण्ड छापोली, बाघोली वन चौकी, कानावाली जोहड़ी पौंख, शीतला माता जोहड़ा बागोरा, कोटबांध, किरावन्डा कुण्ड, मनसा माता वन क्षेत्र, भोजगढ़ पौधशाला, घाटीवाला कुआ गुढ़ा गौडज़ी, वनक्षेत्र किरपुरा, कालीबेरी खोह, मनसा माता वाटर होल, बिहारी दास जोहड़ी वाटर होल, गोपाल कृष्ण गोशाला मणकसास, मंडावरा – खोह सडक़ मार्ग पर खेली, साटीण्डा धाम खेली मंडावरा, झोटवाड़ा जोहड़ी खोह, भैरोजीवाला नाला की खेली बागौरा सहित 18 केन्द्रों पर गणना होगी।
खेतड़ी में 23 वाटर हॉल पर होगी गणना
खेतड़ी वन क्षेत्र में 23 जल केन्द्रों को चयनित किया गया है। इस सभी केन्द्रों पर दो-दो कर्मियो की ड्यूटी लगाई गई है। तथा दो दल रेन्ज कार्यालय में रखे गए हैं। इसके लिए मचान बनाए गए हैं। खेतड़ी व उदयपुरवाटी क्षेत्र में कई जगह पैंथर की दहाड़ भी सुनाई देगी।