चिड़ावा। संजय दाधीच
राणीसती मंदिर गेस्ट हाउस में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कथा व्यास आचार्य पं. राजेश्वर महाराज ने कहा कि ब्रजवासी भगवान इन्द्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने के की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इन्द्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं।
इन्द्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं। वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। भगवान इंद्र के अभिमान का हरण कर लेते है। जिससे हार कर इन्द्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारों लगाने लगते हैं।

इससे पूर्व यजमान राजेंद्र प्रसाद व परिजनों ने भागवत व व्यास पूजन किया। कथा के दौरान नरोत्तम सोनी, दामोदर सोनी, जनार्दन, पीयूष, परविंद्र, संजय, पुष्कर मिश्रा, अश्विनी शर्मा, सुभाष पांडे, मनोज शर्मा, हेमंत सोनी, सुनील, प्रमोद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालू मौजूद रहे।
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