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नीतीश सरकार को 5 MLA ने दिया गच्चा, समर्थन 165 का था लेकिन विश्वास मत में 160 वोट ही मिले

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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में पास तो हो गई, लेकिन महागठबंधन के पांच विधायकों ने गच्चा दे दिया। पिछले दिनों नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार की ओर से दावा किया गया था कि नई सरकार को जेडीयू-आरजेडी, कांग्रेस समेत कुल सात दलों के 164 विधायकों का समर्थन है। फ्लोर टेस्ट से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के एक विधायक ने भी सरकार को अपना समर्थन दिया। यानी कि सदन में सत्तापक्ष के समर्थन में 165 वोट गिरने चाहिए थे, लेकिन विश्वास प्रस्ताव को 160 वोट ही मिले।

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बिहार विधानसभा में बुधवार को नई सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। हालांकि विपक्षी दल बीजेपी ने इसका बायकॉट किया। डिप्टी स्पीकर ने पहले ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव को पारित कराया। फिर इस पर वोटिंग भी हुई। मतदान के दौरान सत्तापक्ष के समर्थन में 160 विधायकों ने वोट डाला, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। हालांकि, सत्तापक्ष के पांच वोट कैसे कम हुए ये अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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क्या है बिहार विधानसभा का गणित?

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243 सीटों वाली विधानसभा में अभी दो सीटें खाली हैं। इनमें से 76 विधायक विपक्षी पार्टी बीजेपी के हैं। इसके अलावा बचे सभी 165 विधायक सत्तारूढ़ दलों में हैं। इनमें आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई माले के 12, हम के 4, सीपीआई के 2, सीपीएम के 2 और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। इसके अलावा एआईएमआईएम के एक विधायक ने भी महागठबंधन को समर्थन दे दिया है।

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शपथ ग्रहण के दौरान पांच जेडीयू विधायकों ने बनाई थी दूरी

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बिहार में नई सरकार के गठन के बाद हुए पहले कैबिनेट विस्तार के बाद जेडीयू में नाराजगी नजर आई। 16 अगस्त को हुए नए मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में जेडीयू के पांच विधायक नहीं शामिल हुए थे। उस वक्त भी महागठबंधन में हलचल की चर्चा हुई थी। हालांकि, इनमें से कुछ विधायकों ने निजी कारणों के चलते शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होने का हवाला दिया था।

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बीमा भारती ने लेशी सिंह पर लगाए आरोप

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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जेडीयू में बीमा भारती और लेशी सिंह के बीच अदावत सामने आ गई। जेडीयू कोटे से मंत्री बनीं लेशी सिंह के खिलाफ उनकी ही पार्टी की विधायक बीमा भारती ने मोर्चा खोल दिया। बीमा ने लेशी पर हत्या और वसूली के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए। इस पर सीएम नीतीश ने बीमा भारती को चुप रहने की नसीहत दी। साथ ही कहा कि पार्टी उन्हें समझाएगी, अगर वे नहीं समझीं तो फिर कार्रवाई की जाएगी।

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