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लखनऊ यूपी । समाजवादी पार्टी का 2 दिवसीय अधिवेशन बुधवार को लखनऊ के रमाबाई मैदान में हुआ। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा- 2019 में समाजवादियों ने बाबा साहब के सिद्धांतों के साथ भाजपा को लोकसभा सीटें हराई थी। हम सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुए। लेकिन हमारी सीटें बढ़ीं। फिर हमने 2022 का चुनाव लड़ा था।जो हमारी विचारधारा वाले लोग थे। उनके साथ गठबंधन तैयार किया था। मुझे खुशी है कि अभी तक का सबसे ज्यादा वोट इस चुनाव में हमे मिला था। सपा की सीट भी दोगुनी हो गईं थीं। जीते भले ही नहीं, लेकिन कह सकता हूं कि 2019 और 2022 के प्रयोग से हम समाजवादी जान गए कि बीजेपी को कोई हरा सकता है। तो वो सिर्फ सपा पार्टी है। अखिलेश ने कहा कि हम देश की राजनीति को बदल देंगे। बीजेपी ने झूठ बोलकर सरकार बनाई है।अखिलेश ने कहा- गंगा सफाई के नाम पर बीजेपी सरकार में लूट हो रही।
सपा काल में हुए डेवलपमेंट प्लान, बीजेपी में आगे नहीं बढ़ाए गए। सपा शासन में किसानों ने जमीन अधिग्रहण का कभी विरोध नहीं हुआ। किसानों को 3 गुना तक मुआवजा दिया। देश का सबसे बढ़िया आगरा एक्सप्रेस-वे सपा ने बनाकर दिया। फिर बीजेपी सरकार ने इसी एक्सप्रेस-वे पर सुखोई उतारे थे। मेट्रो सबसे पहले यूपी में हमने चलाई। बीजेपी ने सिर्फ सत्ता का दुरुपयोग किया।समाजवादी पार्टी 3 दशक पुरानी हो गई है। पार्टी आज ‘नई पीढ़ी और नये दौर’ में है। पिता मुलायम की बनाई पार्टी अब बेटे अखिलेश के कमांड में है। 2 पीढ़ियों के बीच सपा ने राजनीति के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 5 नवंबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में पार्टी बनाई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद अक्टूबर 1992 में गठित हुआ। अखिलेश से पहले मुलायम सिंह यादव ही पार्टी के अध्यक्ष रहे। गुरुवार को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को लगातार तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष चुने जाना तकरीबन तय है।विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई ऐसे नेता सपा में शामिल हुए हैं, जो मुलायम सिंह के कार्यकाल में उनके खिलाफ रहे हैं। सामाजिक समीकरण के हिसाब से वे फिट हैं। मगर पार्टी के मूल कैडर के साथ दूसरे दल के कैडर का समायोजन चुनौतीपूर्ण हैं। कमेटियों के गठन में भी इसका ध्यान रखा जाएगा।