REPORT TIMES
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अपनी पत्नी सुनीता गहलोत संग जयपुर में इंदिरा रसोई में खाना खाया। सीएम गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत ने खाने की गुणवत्ता पर संतोष जताया। साफ-सफाई को लेकर सुनीता गहलोत ने कामकाज की तारीफ की। सीएम ने जयपुर में जलमहल के पास संचालित इंदिरा रसोई पहुंचकर यहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया एवं उपस्थित महिलाओं एवं अन्य लोगों से बातचीत कर फीडबैक लिया। उन्होंने योजना को लेकर खुशी जताई और बताया कि बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन यहां भोजन कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि इंदिरा रसोई के अवलोकन के दौरान यहां भोजन कर रहे श्रमिक से बातचीत की इस दौरान पता चला कि वो चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में रजिस्टर्ड नहीं है, तो मौके पर ही निर्देश दिए कि उन्हें योजना में शामिल करवाया जाए, साथ ही श्रमिक को योजना में 10 लाख तक के निःशुल्क इलाज के बारे में बताया। बातचीत करते हुए इंदिरा रसोई में परोसे जाने वाले खाने की क्वालिटी के बारे में पूछने पर सभी ने यहां संतुष्टि जताई और बताया कि खाना रोज अच्छा बनता है और यहां अच्छे व्यवहार एवं सम्मान क साथ भरपेट भोजन करवाया जाता है।
गहलोत बोले-इंदिरा रसोई पॉपुलर
सीएम गहलोत ने कहा कि मैंने पहले घोषणा की थी कि इंदिरा रसोई जो है ये बहुत पॉपुलर हो रही है, 8 रुपए में भोजन मिल रहा है वहां पर और 17 रुपए जो है सरकार दे रही है सब्सिडी दे रही है खाना खाने वाले को, 8 रुपए देना पड़ता है खुद को, बहुत पॉपुलर हो रही है, तो मैंने कहा कि जितने जनप्रतिनिधि हैं चुने हुए, चाहे एमएलए-एमपी हों, चाहे वो मेयर हों, पार्षद हों, या सरपंच हों, कोई भी हो, वो जब कभी भी मौका लगे, महीने में कम से कम एक बार जाएं खाना खाने वहां पर, उससे 2 बातें होंगी, एक तो आम लोगों का बढ़ेगा सम्मान बढ़ेगा कि भई हम खाना खाते हैं, ये भी खाना खा रहे हैं हमारे साथ में, सम्मान बढ़ना बहुत बड़ी बात होती है लाइफ के अंदर, जिंदगी के अंदर, मान-सम्मान हर एक का, गरीब आदमी भी है, तो मान-सम्मान उसका सुनिश्चित रहे एक तो ये, दूसरा क्या है कि खाने का क्वालिटी जो है वो मालूम पड़ती जाएगी, पहले 12 रुपए देती थी. गवर्नमेंट देती थी, 12 रुपए का 17 रुपए हमने किया, तो मालूम पड़ता है कि भई क्वालिटी मेंटेन होनी चाहिए, तो दोनों बातें मैंने देखी हैं यहां पर, बहुत ही स्वादिष्ट भोजन था, अच्छा व्यवहार था।
मुस्कुराकर खिलाते हैं या मुंह चढ़ाकर खिलाते हैं?
साफ-सफाई थी, मैंने पूछा अभी खाना खाने वालों को कि व्यवहार कैसा है? अच्छा व्यवहार है, खाना खिलाते हुए आपको जो खाना खिलाने वाले हैं वो मुस्कुराकर खिलाते हैं या मुंह चढ़ाकर खिलाते हैं? वो भी उन्होंने कहा कि नहीं साहब, बहुत ही जैसे आप मुस्कुरा रहे हो, वैसे ही वो भी मुस्कुराते हैं, तो मुझे बड़ा अच्छा लगा कि जो मेरा सपना है, जो मेरी भावना है, उसी के अनुरूप ये आपकी जलमहल की जो इंदिरा रसोई है, इसके प्रबंधकों को मैंने सुना कि ये खाना जो है सब्जियां ऑर्गेनिक हैं, ये बहुत बड़ी बात है, वो सब जगह संभव नहीं हो सकता है, इनकी खुद की गौशाला है प्रबंधकों की, इसलिए वहां गौशाला जहां है वहां पर बड़े एरिया में सब्जियां उगा रखी हैं ऑर्गेनिक, ऑर्गेनिक सब्जियों के साथ में खाना खिलाना बहुत बड़ी बात है, मैं प्रबंधकों को साधुवाद देता हूं, बधाई देता हूं और पूरे प्रदेशवासियों को आह्वान करूंगा कि गरीब के लिए, गरीब के लिए जो कुछ भी संभव हो हर एक व्यक्ति को करना चाहिए। कोरोना काल में हमने बहुत शानदार प्रबंधन किया था
कोरोना काल में कोई भूखा नहीं रहा
सीएम ने कहा कि कोरोना काल में हमने कहा कि कोई भूखा नहीं सोना चाहिए, सब लोग घरों में बंद थे, मुझे कहते हुए गर्व है कि कोई भूखा नहीं सोया, सबने एक दूसरे की इम्दाद की, मदद की, सूखी सामग्री हो, या खाना पकाकर दिया हो, खाना पहुंचाने में ही बड़ा डर लगता था उस वक्त लोगों को कि पता नहीं मेरे को खुद को ही कोरोना नहीं हो जाए ,तब भी लोग खाना पहुंचाने गए, नर्सेज-डॉक्टर्स ने अच्छा काम किया, पुलिस कांस्टेबल तक ने खाना पहुंचाया, कहने का मतलब है कि पूरे प्रदेशवासियों ने जो उस वक्त में आगे आकर काम किया उसको मैं कभी जिंदगी में भूल नहीं सकता, मुझे अच्छा लगता है।