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नौगार: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एवलांच की वजह से शहीद हुए नागौर जिले के लाडनूं तहसील के रोड़ू गांव निवासी लांस नायक शहीद मुकेश कुमार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 18 नवंबर को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आए एवलांच से भारतीय सेना के तीन जवान गश्त के दौरान हुए भारी हिमस्खलन में दब गए थे। सेना की तरफ से तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन तब तक तीनों जवानों को बचाया नहीं जा सका था। शहीद होने वाले इन जवानों में नागौर जिले के लाडनूं तहसील के रोड़ू गांव के लांस नायक मुकेश कुमार भी शामिल थे। मुकेश कुमार की पार्थिव देह को विशेष विमान से बीकानेर पहुंचाया वहां से विशेष सैन्य वाहन से सोमवार सुबह लाडनूं लाया गया।
मुकेश का जन्म साल 2000 में हुआ था। मुकेश कुमार ने 2018 में आर्मी को जॉइन की थी। मुकेश कुमार लखारा 56 राष्ट्रीय राइफल्स की 268 फील्ड रेजिमेंट में लांस नायक पद पर तैनात थे। शहीद के पिता किशनलाल लखारा गांव में ही खेती करते हैं। शहीद मुकेश के एक छोटा भाई है जो सेना भर्ती के लिए तैयारी कर रहा है। शहीद मुकेश को के शव को अंतिम विदाई के लिए लेकर सेना के जवान जा रहे थे उस वक्त मां चीख पड़ी।
गांव में पसरा सन्नाटा
छोटे से गांव रोडू में मुकेश कुमार की शहादत सूचना मिलते ही मातम सा छा गया। ग्रामीणों ने दो दिन तक परिजनों से इस बात को छुपाकर रखा ताकि शहीद की पार्थिव देह पहुंचने में देरी होने से परिजनों को तकलीफ नहीं हो। गांव लोगों को मुकेश के शहीद होने की खबर पहले ही मिल गई थी। रविवार शहीद का पार्थिव देह चार्टर्ड विमान से बीकानेर पहुंचा जिसके बाद ग्रामीणों ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। शहीद की मां को सुबह ही घटना की जानकारी मिली। परिवार और गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों और अतिरिक्त जिला कलेक्टर कमला अलरिया सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को ढाढस बंधाया।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शहीद की पार्थिव देह को सैन्य वाहन द्वारा सुबह बीकानेर से लाया गया। गांव के हजारों युवाओं ने हाथ में तिरंगा लेकर रैली निकाली। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए गांव में भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान लोग शहीद मुकेश कुमार अमर रहे के नारों लगाते रहे। बीकानेर से आई भारतीय सेना की टुकड़ी ने पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ तोपों को सलामी देकर अंतिम विदाई दी।