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24 साल से जरायम की दुनिया में, आनंद-बलबीर से दुश्मनी; ऐसे थी राजू की क्राइम हिस्ट्री

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राजस्थान के सीकर में आज बड़े गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजू की हत्या से पूरे राजस्थान में खलबली मची है. पूरा पुलिस महकमा हत्या करने वाले बदमाशों की तलाश में चप्पे-चप्पे पर छापेमारी कर रहा है. जानकार बताते हैं कि राजू ठेहट, आनंदपाल सिंह के कद का था. आनंदपाल राजस्थान का बड़ा गैंगस्टर था, जिसकी हत्या के बाद से कई दिनों तक राजस्थान सुलगा था. आनंदपाल के एनकाउंटर में राजू के हाथ होने का शक था. इसी वजह से आनंदपाल गैंग, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर राजू की हत्या की प्लानिंग तैयार कर रहा था, जिसे आज अंजाम दिया गया.

जानकारी के मुताबिक, राजू ठेहट लगभग 24 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था. इसकी दुश्मनी आनंदपाल गैंग से थी. दोनों गैंगों के बीच कई बार फायरिंग और हत्या की वारदातें हो चुकी हैं. जेल में भी दोनों गैंग भिड़ चुके हैं. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और राजू ठेहट में करीब दो दशक तक वर्चस्व की लड़ाई चली थी. आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का वर्चस्व हो गया. यही बढ़ता वर्चस्व आनंदपाल गैंग बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था.

राजू ने दोस्त के साले की कर दी थी हत्या

1997 में बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट दोस्त हुआ करते थे. दोनों शराब के धंधे से जुड़े थे. 2005 में हुई एक हत्या ने दोनों दोस्तों के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी कर दी. दरअसल, शराब ठेके पर बैठने वाले सेल्समैन विजयपाल की राजू ठेहट से किसी बात पर कहासुनी हो गई. विवाद इतना बढ़ गया कि राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी. विजय पाल रिश्ते में बलबीर का साला लगता था. विजय की हत्या से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. बलबीर ने राजू के गैंग से निकलकर अपने नया गिरोह बना लिया.

बलबीर की गैंग में आनंदपाल भी शामिल हो गया. आरोप है कि दोनों ने मिलकर राजू के करीबी गोपाल फोगावट की हत्या कर दी. दुश्मनी का खेल ऐसा चला कि हत्या की कई वारदातें दोनों गैंग में हुईं. 26 जनवरी 2014 को सीकर जेल में राजू ठेहट पर हमला हुआ तो छह महीने बाद ही बीकानेर जेल में आनंदपाल और बलबीर पर. हमलों में आनंदपाल और राजू ठेहट तो बच गया, लेकिन बलबीर मारा गया.

पहले भी राजू ठेहट पर हो चुका था हमला

इससे पहले भी 2014 में राजू ठेहट पर हमला हुआ था, जिसमें वह बच गया था. इसके बाद भी उस पर कई बार हमले के प्रयास हुए. 2017 में आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद गैंगवार एक बारगी शांत होती दिखी, लेकिन कुछ महीनों पहले जयपुर में जब आनंदपाल गैंग का मनोज कुमार पकड़ा गया तो उसने फिर राजू ठेहट की हत्या के प्रयास की बात कह गैंगवार की आशंका को बढ़ा दिया था.

जले में बंद रहने के दौरान राजू जयपुर में अपनी गैंग को सक्रिय करना चाहता था. इसी वजह से उसने जयपुर के महेश नगर स्थित स्वेज फार्म में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजोर के मकान को ठिकाना बनाया था. इस मकान की कीमत तीन करोड़ थी. घर की सिक्योरिटी बहुत ही टाइट रहती थी. सुरक्षा के लिए घर पर 30 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. तीन गनमैन भी उसके साथ रहते थे. जयपुर में विवादित जमीनों और सट्टा कारोबारियों पर राजू ठेहट की नजरें थीं, लेकिन महेश नगर थाना पुलिस ने शांति भंग के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया. जले से छूटने के बाद राजू ठेहट वापस सीकर शिफ्ट हो गया था.

सीकर बॉस के नाम से बुलाते थे लोग

राजू ठेहट लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन था. वह महंगी कार और बाइक पर काफिले के साथ घूमता था. गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर बॉस के नाम से बुलाया जाता था. गैंगस्टर राजू ठेहट ने अपना वर्चस्व तो बना लिया. लोगों में सक्रिय रहने के लिए वह रील बनाकर सोशल मीडिया पर भी डालता रहता था. महंगी कार और बाइक का शौकीन राजू ठेहट जयपुर स्थित अपने ठिकाने पर कई बार घूमता नजर आ जाता था. कभी अकेले बाइक राइडिंग तो कभी नई लग्जरी कार राइड करते हुए भी अक्सर वीडियो बनाकर सोशल मीडियो पर शेयर करता था. अपने गनमैन और कारों के काफिले के साथ भी वह रील्स बनाता था.

राजनीति में सक्रिय होना चाहता था राजू

नौ महीने पहले जयपुर में राजू ठेहट के साथ उसके चार साथियों को भी पकड़ा गया था. इनमें उसके तीन गनमैन और एक रसोइया था. करीब तीन महीने पहले जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद राजू ठेहट गैंग को बढ़ाने में लगा था. राजू ठेहट की भरतपुर के जिला प्रमुख राजवीर, जयपुर के सांगानेर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत पवालियां सरपंच रामराज चौधरी और चाकसू विधानसभा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश चौधरी के साथ फोटो शेयर कर रखी थी.

राजू की हत्या में बलवीर बानूड़ा के बेटे सुभाष का हाथ

इसी वजह से यह माना जा रहा था कि राजू ठेहट राजनीति में जल्द से जल्द सक्रिय होना चाहता था. ऐसे में वह पहले से राजनीति में सक्रिय अपने परिचितों से संपर्क साध कर चर्चा करता रहता था. मीटिंग के दौरान शूट किए फोटो भी चर्चा में बने रहते थे. आनंदपाल और राजू ठेहठ के बीच लंबे समय से रंजिश चल रही थी. वहीं राजू ठेहट की हत्या के पीछे आनंदपाल गैंग के बलबीर बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा का हाथ बताया जा रहा है. बलवीर बानूड़ा की राजू ठेहट ने हत्या करवाई थी. बताया जा रहा है कि गैंगस्टर सुभाष दो साल से राजू ठेहट को मारने की फिराक में था. फिलहाल पुलिस ने अब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है.

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